सतारा, महाराष्ट्र(वीएनआई) 19 नवंबर जम्मू एवं कश्मीर में मंगलवार को आतंकवाद निरोधी अभियान के दौरान शहीद हुए कर्नल संतोष महादिक गुरुवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। कर्नल संतोष महादिक गुरुवार घुसपैठियों के खिलाफ जारी अभियान में अपने दल का नेतृत्व करते हुए शहीद हुए थे,इस अवसर पर हजारों की संख्या में लोग एकजुट हुए।
एक अधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य गणमान्यों ने कर्नल महादिक को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। फडणवीस ने कहा कि राज्य और पूरा देश कर्नल महादिक के परिवार के साथ रहेगा और उनके परिवार के कल्याण की पूरी जिम्मेदारी लेगा।
कर्नल महादिक के पार्थिव शव को गुरुवार तड़के उनके पैतृक गांव पोगारवाड़ी लाया गया, जहां उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया।उनका अंतिम संस्कार उनके परिजनों, पोगारवाड़ी के ग्रामीणों और सतारा जिले के स्थानीय निवासियों की मौजूदगी में किया गया। इस दौरान लोग 'संतोष महादिक अमर रहे' का नारा लगाते रहे।
39 वर्षीय महादिक को वीरता के लिए सेना मेडल से भी सम्मानित किया गया था। कर्नल संतोष महाराष्ट्र के सतारा के रहने वाले हैं और इनके उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी शाश्वती, दो बच्चे तथा भाई हैं।
गौरतलब है कि 41 राष्ट्रीय रायफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल महादिक जम्मू एवं कश्मीर में घुसपैठियों के खिलाफ तलाशी अभियान का नेतृत्व कर रहे थे, जब कुपवाड़ा जिले में हाजी नाका इलाके के घने वन क्षेत्र में छिपे आतंकवादियों ने उन्हें गोली मार दी थी।
महाराष्ट्र के सतारा में एक कृषक परिवार में उनका जन्म हुआ। उन्होंने 1998 में सेना में भर्ती होने से पहले सतारा के सैन्य स्कूल से शिक्षा पूरी की।