नई दिल्ली/पटना 09 फरवरी (वीएनआई) बिहार में जारी राजनीतिक उठापटक को लेकर आज नजरें राजभवन पर टिकी रहने की संभावना है.पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी बिहार के कार्यवाहक राज्यपाल भी है वो आज पटना जाएंगे.
अब सब कुछ राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी पर निर्भर करता है कि वह नीतीश कुमार को सीएम पद की शपथ के लिए बुलाते हैं या फिर मांझी की विधानसभा भंग करने की सिफारिश को मंजूर करते हैं। इस बीच नीतीश खेमे के 20 मंत्रियों ने कल देर शाम मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। इन मंत्रियों का कहना है कि मांझी के पास मुख्यमंत्री बने रहने का नैतिक हक नहीं है।
गौरतलब है कि बिहार में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच चारों तरफ से घिरे राज्य के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कल कहा था कि मांझी की नाव कभी नहीं डूबती।
अपनी पार्टी जेडीयू से बगावत करने वाले मांझी ने कल शाम दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात ्की थी । उन्होंने करीब 40 मिनट तक मोदी के साथ बातचीत की। मुलाकात के बाद उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ उनकी किसी राजनीतिक मुद्दे पर बात नहीं हुई है।
एक संवाददाता सम्मेलन में मांझी ने कहा, \"मैंने उनके साथ कोई राजनीतिक चर्चा नहीं की।\"
उन्होंने कहा, \"मोदीजी ने बिहार के लिए कुछ अच्छा काम किया है और हमने उन्हें उसके लिए धन्यवाद दिया।\"
जीतन राम मांझी नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंचे थे । पत्रकारों से बात करते हुए मांझी ने कहा था कि उन्हें पद से हटाने की साजिश की जा रही है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष शरद यादव की बुलाई गई विधायक दल की बैठक को एक बार फिर अवैध बताया।
जेडीयू के कुछ नेता मांझी के समर्थन में भी खड़े दिखाई दे रहे हैं। मांझी समर्थक मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा है कि अगर सरकार बचाने के लिए जरूरत पड़ी, तो बीजेपी से समर्थन लिया जा सकता है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान ने कहा, हम मांझी सरकार को समर्थन देंगे और हम साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार में जारी सियासी उठापटक के बीच नीतीश कुमार को जेडीयू विधायक दल का नेता चुन लिया गया था । इसके साथ ही नीतीश के फिर से मुख्यमंत्री बनने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। हालांकि मुख्यमंत्री जीतन मांझी अब भी इस्तीफा न देने पर अड़े हुए हैं। नीतीश समर्थक उनके प्रतिद्वंद्वी गुट ने सोमवार को राजभवन पर विधायकों की परेड कराने और सरकार बनाने का दावा ठोंकने का फैसला लिया है। नीतीश समर्थक नेता ने रविवार को राजभवन पहुंचकर समर्थक विधायकों की सूची सौंपी।