लंदन 11 जुलाई (वीएनआई) सर्वोच्च विश्व वरीयता प्राप्त अमेरिकी टेनिस स्टार सेरेना विलियम्स ने आज वर्ष 2015 के तीसरे ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट, विंबलडन के महिला सिंगल्स के फाइनल मैच में स्पेन की गारबाइन मुगुरुजा को हराकर खिताब जीत लिया। ये विंबलडन के महिला सिंगल्स में उनका छठा ख़िताब और 21वां ग्रैंड स्लैम महिला एकल खिताब है ।
सेरेना ने सेंटर कोर्ट में हुए फाइनल मुकाबले में मुगुरुजा को एक घंटा 23 मिनट में 6-4, 6-4 से शिकस्त दे दी।
गौरतलब है कि 19 साल बाद विंबलडन के फाइनल में पहुंचने वाली पहली स्पेनिश खिलाड़ी बनी मुगुरुजा ने पिछले साल फ्रेंच ओपन में सेरेना को हराकर सनसनी मचा दी थी। स्पेन के लिए आखिरी बार कोंचिता मार्टिनेज (1994) ने यह खिताब जीता था
हालांकि फ़ाइनल की शुरुआत सरीना के लिए उतनी अच्छी नही रही ,पहले सेट के पहले गेम में मुगुरुज़ा ने सरीना की सर्विस ब्रेक कर दी थी,सरीना पर इसका काफ़ी असर दिखा,क्योंकि तीन डबल फॉल्ट के कारण सरीना ने पहला गेम गँवाया था. मुगुरुज़ा को अच्छा मौक़ा मिला सरीना पर बढ़त बनाने का और उन्होंने ऐसा किया भी, लेकिन एक बार सरीना ने वापसी की, अंततः विजय उन्हे ही मिली
सेरेना ने पूरे मैच के दौरान बेहद आक्रामक रहीं। उन्होंने तीन के मुकाबले 12 एस तथा 10 के मुकाबले 29 विनर्स लगाए,पहला सेट आसानी से जीतने के बाद सेरेना दूसरे सेट में भी एक समय 5-1 से आगे चल रही थीं। हालांकि इसके बाद मुगुरुजा ने संघर्षपूर्ण वापसी करते हुए सेरेना के सामने अच्छी चुनौती रखी और अगले तीन गेम जीत लिए। लेकिन सेरेना अब मैच अपने नाम करने के लिए सिर्फ एक गेम जीतना था।
सेरेना ने इस बीच आठ डबल फॉल्ट और 15 ऐसी गलतियां की जो उनके खेल के अनूरूप नही थीं । हालांकि उन्हें इसका ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और दमदार सर्विस के बल पर उन्होंने मैच अपनी मुट्ठी में कर लिया।
इस जीत के साथ ही सरीना विलियम्स सबसे ज़्यादा उम्र 33 साल 289 दिन में विंबलडन के ओपन दौर में ख़िताब जीतने वाली महिला खिलाड़ी बन गई है,इससे पहले ये रिकॉर्ड मार्टिना नवरातिलोवा के नाम था. मार्टिना ने 1990 में अपना आख़िरी विंबलडन ख़िताब जीता था. लेकिन वो उस समय 33 साल 263 दिन की थी.
इस ख़िताबी जीत के साथ ही सरीना स्टेफ़ी ग्राफ़ के 22 ग्रैंड स्लैम ख़िताब के और क़रीब आ गई हैं.अब वह ओपन एरा में स्टेफी ग्राफ (22) के रिकॉर्ड से सिर्फ एक खिताब दूर, जबकि टेनिस इतिहास में सर्वाधिक 24 पदक जीतने वाली महान आस्ट्रेलियाई मार्गरेट कोर्ट से तीन पदक दूर रह गई हैं।