नई दिल्ली,25 अक्टुबर (अनुपमा जैन,वीएनआई) राजधानी मे एक बगीचा ऐसा भी होगा जहा की खुशबू और रंगत निराली होगी. यह खुशबू और छटा होगी भारत अफ्रीकी रिश्तो की. कल् से राजधानी मे शुरू होने वाले तीसरे भारत अफ्रीकी फोरम की शिखर बैठक से पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज यहा राजधानी की डिप्लोमेटिक इलाके 'शांति पथ चाणक्य पुरी' मे गुलाब का एक बिरवा रौंप कर इस अनूठी छटा वाले 'भारत अफ्रीकी रोज गार्डन' का शिलान्यास किया. यह बगीचा भारत अफ्रीकी रिश्तो की सौंधी खुश्बू को समर्पित है जहा इन सभी देशो के गुलाब एक साथ खिलेंगे और दोनो की सांझी विरासत और निर्बाध मैत्री को और महकायंगे. रोज गार्डन मे श्रीमति स्वराज के साथ लगभग 42 अफ्रीकी देशो के राजनयिको ने गुलाब के बिरवे रौंपे.
यह बगीचा इस मायने मे भी अहम है कि ऐसे दौर मे जब विशेष तौर पर पूरी दुनिया के लिये अफ्रीकी द्वीप संभावनाओ का एक बड़ा द्वीप बन रहा है, भारत अफ्रीकी दोस्ती सदियो पुरानी है, रिश्तो का एक अनवरत सेतु है जो कि प्राचीन समय ,उपनिवेशवादी शासन के साझे दुखो और गॉधी जी के रिश्तों की डोर से बंधे कर निरंतर प्रगाढ होता रहा है. इस अवसर पर श्रीमति स्वराज ने अफ्रीका को नई संभावनाओ का क्षेत्र बताते हुए कहा कि भारत अफ्रीका के आर्थिक विकास और विश्व अर्थव्यवस्था के साथ इसके कदम दर कदम साथ चलने का प्रबल पक्षधर है. उन्होने कहा 'दोनो देशो के बीच संबंधो का बुनियादी बिंदु यही है कि दोनो को एक दूसरे के साथ का पूरा पूरा लाभ मिले. हम चाहते है कि एक दूसरे की ताकत से हम आपसी जरूरते पूरा करे.' श्रीमति स्वराज ने बाद मे शिखर बैठक से पूर्व आयोजित भारत अफ्रीका संपादक सम्मेलन मे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के लिये भारत और अफ्रीका की प्रबल दावेदारी रखते हुए कहा ' यह बात समझ से कतई परे है कि भारत तथा अफ्रीका को इस प्रतिष्ठित्त विश्व मंच मे स्थाई सदस्यता नही हासिल हो, दोनो को इस विसंगति को दूर करने के लिये मिल कर काम करना होगा. भारत मे आबादी के हिसाब से दुनिया की एक छ्ठी आबादी रहती है जबकि अफ्रीका आकार के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है, लेकिन निराशा की बात है कि दोनो को ही इस विश्व संस्था मे स्थाई प्रतिनिधित्व हासिल नही है.'
इससे पूर्व रोज गार्डन का शिलान्यास करते हुए विदेश मंत्री ने कहा 'आज एक अलग सा और बेहद खूबसूरत दिन है पुष्प प्रेम,मैत्री और भाईचारे का प्रतीक है,इसीलिये हम सब ने मिल कर मैत्री रोज गार्डन बनाने का तय किया जो कि भारत अफ्रीकी निर्बाध मैत्री और आपसी हित के सहयोग का प्रतीक है. आने वाले वर्षो मे आपसी समझ बूझ के माहौल मे यह मैत्री और बढेगी और इन फूलो के तरह से और परवान चढेगी, इसकी खुशबू चारो और बिखरेगी.' इस अवसर पर दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बड़ी तादाद मे अफ्रीकी देशो के राजनयिक और विशिष्ट जन उपस्थित थे.इस मौके पर अनेक अफ्रीकी राजनयिको ने भी भारत अफ्रीकी प्रगाढ मैत्री पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि दोनो के बीच व्यापार, निवेश,स्किल डेवलपमेंट, आई टी सहित अनेक क्षेत्रोमे सहयोग बढने की काफी संभावनाये है . बैठक में भारत अफ्रीकी द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने,ुर्जा, जल वायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रोमे आपसी सहमति और सहयोग बढाने के साथ सहयोग के नये क्षेत्र तलाशने ौर निवेश तथा आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग बढ़ाने पर जोर देने के लिए क्षेत्रीय संगठनों के साथ भी संबंध मजबूत बनाने के प्रयास किए जाएंगे। इस बैठक में अफ्रीका के कई देशों के प्रतिनिधियो के अलावा अफ्रीकी संघ आयोग और अफ्रीका के आठ क्षेत्रीय आर्थिक संगठन भी मौजूद हैं। इन संगठनों में अरब मगरब संघ, दक्षिणी अफ्रीका विकास संगठन, पूर्वी एवं दक्षिणी अफ्रीकी साझा बाजार और पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र आर्थिक संगठन जैसे महत्वपूर्ण संगठन शामिल हैं।
भारत-अफ्रीका फोरम की पहली शिखर बैठक 2008 में नई दिल्ली में हुई थी। इसके बाद दूसरी बैठक 2011 में इथियोपिया की राजधानी आदिस अबाबा में हुई थी। 'भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन' हर तीन साल पर होना तय हुआ था, लेकिन इबोला महामारी के कारण दिसंबर 2014 में यह शिखर बैठक नहीं हो सकी। शिखर बैठक आगामी 29 अक्टुबर को होगी जिसमे 54 अफ्रीकी देशो मे से लगभग 48 शासनाधक्ष व राष्ट्राध्यक्ष व प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.कल वरिष्ठ अधिकारी स्तर व परसों विदेश मंत्री स्तर बैठक होगी.
भारत और अफ्रीका के बीच वर्तमान व्यापार करीब 75 अरब डालर के आसपास है। पिछले चार साल के दौरान भारत ने यहां 7.5 अरब डालर की विभिन्न विकास एवं क्षमता विस्तार परियोजनाओं के लिये अनुदान दिया है। वीएनआई