मोदी ब्रिटेन की संसद को संबोधित करने वाले पहले भारतीय पीएम बने

By Shobhna Jain | Posted on 13th Nov 2015 | VNI स्पेशल
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नई दिल्ली 13 नवंबर (वीएनआई) मोदी ब्रिटेन की संसद को संबोधित करने वाले पहले भारतीय पीएम बन गये हैं, पी एम मोदी ने ब्रितानी संसद को संबोधित करते हुए कहा कि उनका ब्रिटेन दौरा दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए एक बड़ा अवसर है. उन्होने अपने लिए संसद के दरवाजे खोलने के लिए ब्रिटिश संसद के स्पीकर का शुक्रिया अदा करते हुए कहा' मैं इस बात से सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि मैं ब्रिटिश संसद में बोल रहा हूं'उन्होंने यह भी कहा 'मैं जानता हूं कि संसद का सत्र अभी नहीं चल रहा है। प्रधामनंत्री कैमरन सुकून और राहत महसूस कर रहे हैं। पीएम मोदी की इस बात पर पूरा सदन ठहाकों भर गया'। पीएम मोदी ने कहा कि इस समय ज़रूरत इस बात की है कि दोनों देश दुनिया में वैश्विक भागीदारी की एक मिसाल बनें. मोदी और ब्रितानी प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि दोनों देशों की कंपनियों ने नौ अरब पाउंड यानी लगभग नौ सौ अरब रूपए के समझौते करने की घोषणा की है. तीन दिनों के ब्रितानी दौरे पर गए मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन का रिश्ता बहुत महत्वपूर्ण है.मोदी ने कहा कि भारत ब्रिटेन को यूरोपीय संघ का प्रवेश द्वार समझता है. दोनों नेताओं ने कहा कि वित्त, रक्षा, परमाणु ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ेगा. मोदी ने कहा कि भारत दुनिया के लिए आशा और अवसर का एक नया चमकता बिंदु है. उन्होंने कहा कि इसका कारण सिर्फ़ संख्या नहीं है बल्कि क़ानून, नीति, संस्थाओं और कार्यशैली में सुधार के लिए उठाए गए ठोस क़दम हैं. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का नारा 'सबका साथ सबका विकास' पूरे राष्ट्र का एक सपना है जिसमें हर नागरिक के लिए भागीदारी और समृद्धि शामिल है. आतंकवाद और चरमपंथ को एक वैश्विक ताक़त बताते हुए मोदी ने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए दुनिया को एक साथ मिलकर काम करना होगा. मोदी ने कहा कि जिन देशों में आतंकवाद की समस्या सबसे ज़्यादा है वहां इसके ख़िलाफ़ एक सामाजिक आंदोलन शुरू करने की ज़रूरत है और धर्म और आतंकवाद को एक दूसरे से अलग करना चाहिए. मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन की संस्कृतियों में काफ़ी समानता है.हमारे बीच अपनेपन की एक सहजता है। भारत ब्रिटेन में यूरोप के दूसरे देशों के मुकाबले कहीं ज्यादा निवेश करता है, क्योंकि उन्हें यहां का माहौल जाना-पहचाना लगता है। उन्होने यह भी कहा कि भारत के कई स्वतंत्रता सेनानी और संस्थापक यहां के संस्थानों में शिक्षा प्राप्त की। जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक इस दरवाजे से गुजरे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम लॉर्ड्स और इडन गार्डंस की पिचों को लेकर बहस करते हैं, सबसे जोरदार बहस यह होती है कि लॉर्ड्स की पिच बहुत अजीब तरीके से स्विंग करती है या ईडन गार्डंस की विकेट में दरारें जल्दी पड़ जाती हैं। हमें लंदन का भांगड़ा रैप ख़ूब भाता है, जैसे आपको भारत के अंग्रेज़ी नॉवेल पसंद हैं. भारत में हर युवा फ़ुटबॉलर (बेंड इट लाइक बेकहम) बेकहम जैसा बनना चाहता है.'' संसद के बाहर लगी महात्मा गांधी की मूर्ति के बारे में पूछे गए एक सवाल का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि ब्रिटेन के लोग इतने समझदार थे कि वे महात्मा गांधी की महानता को समझते हैं और भारतीय इतने उदार हैं कि वो गांधी की विरासत को ब्रिटेन के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं. इसके अलावा पीएम मोदी की कुछ और बातों पर भी संसद का माहौल हंसी और ठहाकों से भर गया जब प्रधानमंत्री कैमरन को 'फिर एक बार, कैमरन सरकार' वाले नारे की याद दिलाई जिससे इस साल के ब्रिटिश चुनाव में कैमरन ने इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा, 'मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं, प्रधानमंत्री जी कि एक चुनावी नारे के लिए आप पर मेरी रॉयल्टी बकाया है।' प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कहा कि कई ऐसी चीजें हैं जिस पर यह कहना बड़ा मुश्किल है कि वे ब्रिटिश हैं या भारतीय। उन्होंने कहा, 'उदाहरण के तौर पर जगुआर या स्कॉटलैंड यार्ड। ब्रूक बांड चाय हो या मेरे दोस्त दिवंगत लॉर्ड गुलाम नून की करी।'

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