सोल,7 फरवरी(अनुपमा जैन/वीएनआई) अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओ और प्रतिबंधो को एक बार फिर दरकिनार करते हुए उत्तर कोरिया ने आज अपने लंबी दूरी के रॉकेट का प्रक्षेपण कर दिया. दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय ने इस की घोषणा करते हुए कहा कि उपग्रह धारक रॉकेट का प्योंगयांग से आज सुबह लगभग 9 बजे प्रक्षेपण किया.
उत्तर कोरिया की इस कारवाई की तीखी आलोचना करते हुए इस संयुक्त राष्ट्र समेत विभिन्न देशों ने रॉकेट परीक्षण की आड में किया गया मिसाइल परीक्षण करार दिया है, जो कि अमेरिका तक वार करने की क्षमता रखता है. पर्यवेक्षको का मत है कि उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिस तरह से अनदेखी की है जिसके दूरगामी परिणाम उसे भुगतने पड़्र सकते हैं.इसके चलते संयुक्त राष्ट्र की ओर से उत्तर कोरिया पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया द्वारा किए गए लंबी दूरी के रॉकेट के प्रक्षेपण के मुद्दे पर आज न्यू यॉर्क में एक आपात बैठक भी होने की संभावना है करेगी. इस बैठक को बुलाने का अनुरोध दक्षिण कोरिया और परिषद के सदस्यों जापान एवं अमेरिका की ओर से किया गया है. जापान और अमेरिका ने इस प्रक्षेपण को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करार दिया है.
दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने इस प्रक्षेपण की पुष्टि आज सुबह आठ दिवसीय प्रक्षेपण अवधि की शुरुआत के दो घंटे बाद की. इससे पहले पिछले माह उत्तर कोरिया न हाइड्रोजन बम के परीक्षण का दावा किया था.
अमेरिका ने उत्तर कोरिया द्वारा किए गए लंबी दूरी के रॉकेट के प्रक्षेपण को ‘‘अस्थिरताकारक और उकसाने वाला'' करार दिया है, वहीं जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस प्रक्षेपण की निंदा करते हुए इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन बताया है. व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाकाहार सुसैन राइस ने एक बयान में कहा, ‘‘उत्तर कोरिया के मिसाइल एवं परमाणु हथियार कार्यक्रम हमारे करीबी सहयोगियों की सुरक्षा सहित हमारे हितों पर गंभीर खतरा पैदा करते हैं और पूरे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को कमजोर करते हैं.''
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने संवाददाताओं से कहा कि यह प्रक्षेपण ‘‘बेहद असहनीय'' है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से लगातार विरोध के बावजूद किए गए इस प्रक्षेपण को आबे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का ‘‘स्पष्ट उल्लंघन'' करार दिया है.वीएनआई