नई दिल्ली, 20 अगस्त (शोभना जैन, वी एन आई)भारत ने पाकिस्तान के साथ होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की चर्चित वार्ता से पहले पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को न्यौता दिये जाने की वजह से बढी खटास के बीच आज दो टूक शब्दो मे कहा कि यह वार्ता केवल आतंक ओर तथा आतंकी गतिविधियो से निबटने के तरीको पर विचार करने पर केन्द्रित होगी.राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता से पहले पाकिस्तान के इस रवैये को ले कर उठे सवालो के बीच संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज यहा संवाददाताओ के सवालो के जबाव मे यह बात कही. उन्होने कहा " रूस के उफा मे दोनो देशो के प्रधान मंत्रियो के बीच हुई वार्ता मे इस बैठक के लिये ए्जेंडा तय हुआ था, इस वार्ता मे भारत 26/11 के आतंकी हमले के वॉयस सेंपल भी सौपे्गा इसलिये यह साफ है कि बैठक तय एजेंडा के मुताबिक केवल आतंक पर ही केन्द्रित होगी.
दिल्ली में भारत और पाकिस्तान के बीच आगामी 23 अगस्त को होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता से पहले मोदी सरकार ने इस बयान से कश्मीरी अलगाववादी नेताओं और पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने की कौशिश की गई है, वार्ता से पहले पाकिस्तान की स्थति ्लगातर कमजोर होती जा रही है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि वार्ता से तीन पूर्व भी अभी तक इस वार्ता को लेकर अनिश्चय की स्थति बनी हुई है. वार्ता से पहले पाकिस्तान की स्थति लगातर कमजोर होती जा रही है, आतंक के साथ कश्मीर मुद्दी को उछालने और जोड़ने की उसकी कौशिश लगातार विफल होती जा रही है हालांकि पाकिस्तान ने आज फिर कहा कि भारत पाकिस्तान के बीच होने वाली वार्ता से पहले कश्मीरी नेताओ के साथ वार्ता करना पुरानी प्रथा है, लेकिन विदेश नीति के जानकारो का मानना है कि अगर कोई ऐसी बात जो सही थी और वह अब तक होती रही तो जरूरे नही उसे जारी रखा जाये, उस प्रथा को सुधारा जा सकता है.
गौर तलब है कि भारत सरकार ने साफ ्तौर पर पाकिस्तान को संकेत दिया था कि यदि हुर्रियत नेताओं के साथऐस मुलाकआत से पहले बातचीत जारी रखी गई तो 23 अगस्त को होने वाली एनएसए स्तर की वार्ता खटाई में पड़ सकती है, इसी के बाद पाकिस्तान की तरफ से कहा गया कि हुरियत नेताओ को बातचीत के बाद डिनर के लिये न्यौता भेजा गया था।
इसी बीच हुरियत के अलगाववादी नेता यासिन मलिक ने श्री अजीज के साथ मुलाकात के लिये नई दिल्ली मे पाक उच्चायोग नही जाने का फैसला किया है, उसने कहा कि वह अपना शिष्ट मंडल उच्चायोग मे भेजेगा वहीं दूसरी सरकार ने पाकिस्तान के इस न्यौते पर कड़ी प्रत्रिक्रिया जाहिर करते हुए राज्य सरकार ने सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक सहित शीर्ष कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को आज सुबह नजरबंद कर लिया गया और फिर कुछ ही घंटे बाद इससे मुक्त कर दिया गया। इस कार्रवाई को हुरियत के साथ पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज की मुलाकात पर भारत के कड़े रवैये की सूचक माना गया है
पुलिस ने आज सुबह हुर्रियत कान्फ्रेंस के उदारवादी धड़े के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक, मौलाना मोहम्मद अब्बास अंसारी, मोहम्मद अशरफ सेहराई, शब्बीर अहमद शाह और अयाज अकबर सहित कई अलगाववादी नेताओं की गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई थी।
पहले से ही नजरबंद हुर्रियत कान्फ्रेंस के कटटरपंथी धड़े के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के हैदरपुरा स्थित घर के बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए। जेकेएलएफ के अध्यक्ष यासीन मलिक को मैसुमा स्थित उनके आवास से एहतियातन हिरासत में ले लिया गया था और कोठीबाग थाने में बंद कर दिया गया था।वी एन आई