आतंकवाद से निबटने की प्रतिबद्धता के साथ समाप्त हुआ'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन

By Shobhna Jain | Posted on 10th Dec 2015 | VNI स्पेशल
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इस्लामाबाद 10 दिसम्बर(वीएनआई ) आतंकवाद को समाप्त करने और और अफगानिस्तान में स्थायित्व लाने के लिए लिये आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करने की सदस्य देशों की प्रतिबद्धता के साथ कल(बुधवार) पांचवा 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन का समाप्त हो गया। इस दो दिवसीय बहुपक्षीय सम्मेलन में 14 सदस्य देशों, 17 सहयोगी राष्ट्रों के मंत्री तथा 12 संगटनों के पदाधिकारी शामिल हुए। सम्मेलन में इस्लामाबाद घोषणापत्र को स्वीकृति दी गई जिसमें सभी अफगान तालिबान समूहों से बातचीत की प्रक्रिया में शामिल होने का आवाहन किया गया है दूसरी तरफ सुषमा स्वराज ने कल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की. करीब पौने दो घंटे चली इस बैठक के बाद सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत और पाकिस्तान समग्र वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं.सम्मेलन से अलग आयोजित इस बैठक में पाक विदेश मंत्री सरताज अजीज भी मौजूद रहे. इससे पूर्व भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल पाकिस्तान का दौरा करेंगे।सुषमा ने कल यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मोदी दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।'जियो टीवी' की रिपोर्ट के मुताबिक, सुषमा ने कहा कि मोदी के इस दौरे में वह भी उनके साथ होंगी। उल्लेखनीय है कि इसी साल जुलाई में उफा (रूस) में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मोदी को दक्षेस सम्मेलन में आने का न्योता दिया था जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था। जनवरी 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की यात्रा के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पाकिस्तान की पहली यात्रा होगी। वाजपेयी भी दक्षेस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान गए थे, सुषमा हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद में हैं।सुषमा स्वराज ने कहा कि वह गुरुवार को भारतीय संसद में इस मुद्दे और पाकिस्तान दौरे पर अपना बयान देंगी भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से इस्लामाबाद में मुलाक़ात की है और विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ के साथ विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया है. मुलाक़ात और विचार-विमर्श के बाद भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की तरग्फ से जारी एक संयुक्त बयान मे कहा गया है कि भारत-पाक संयुक्त बयान मे दोनों पक्ष व्यापक द्विपक्षीय संवाद के लिए तैयार हो गए हैं तथा दोनों देशों के विदेश सचिव इसकी तारीख़ और रूपरेखा तय करेंगे. इसके अतिरिक्त दोनों पक्ष जम्मू कश्मीर, सियाचिन, सर क्रीक, तुलबुल परियोजना, आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग, चरमपंथ के खिलाफ़ कार्रवाई, मादक पदार्थों की रोकथाम और मानवीय मुद्दों पर संवाद करेंगे. भारत और पाकिस्तान दोनों पक्षों ने ही चरमपंथ की आलोचना की है और बैंकॉक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाक़ात को सफल बताया है. इसके अलावा भारतीय पक्ष को भरोसा दिलाया गया है कि मुंबई हमलों के मामले में जारी अदालती कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी की जाएगी

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