काठमांडू, 25 जून (शोभनाजैन,वीएनआई) विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज नेपाल के साथ भारत के \'प्रगाढ संबंधो\' को \'रोटी बेटी के संबंध\'के संबंध बताते हुए हाल मे नेपाल् मे आये प्रलयंकारी भूकंप से हुई तबाही से उबरने के लिये नेपाल् को एक अरब डालर की सहायता देने की घोषणा की जिसमें एक तिहाई की रकम अनुदान के रूप में होगी
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज यहा नेपाल पुन्र निर्माण और सहायता सम्मेलन में इस सहायता की घोषणा करते हुए कहा \' भारत और ने्पाल के रोटी-बेटी का सम्बंध है,दोनो देश् संस्कृति,धर्म,पंरपरा भाषा और पौराणिक ग्रंथो सभी से एक सूत्र मे जुड़े हुए है,\' उन्होने कहा \' नेपाल आपदा की घड़ी मे अकेला नही है, मै आपको भरोसा दिलाती हूं कि भारत सरकार और भारत की सवा अरब आबादी आपदा की इस घड़ी मे उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ी है. मुझे पूरा विश्वास है कि पुन्रर्निर्माण के बाद आत्मविश्वास से भरा एक नया नेपाल उभरकर सामने आएगा\'.
भारत की ओर से मिलने वाली इस सहायता राशि से नेपाल में बुनियादी संरचनाओं और कुछ प्रमुख धरोहरों का निर्माण किया जाएगा। गौरतलब है कि इस भीषण प्र्रकृतिक आपदा मे नेपाल की पुरातत्व महत्व की नेक अमूल्य धरोहर नेस्तनाबूत हो गयी, जिनका पुन्र निर्मांण एक बड़ी चुनौती है भारत नेपाल को अगले पांच वर्ष में दो अरब डालर की सहायता देगा। नेपाल ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस तबाही से उबरने के लिये करीब सात अरब डॉलर की सहायता मांगी है।
नेपाल में इस साल 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप में 8,500 से अधिक लोगों की जान चली गई, 22 हजार लोग घायल हो गये थे और इससे हजारों लोग बेघर हो गये थे , बड़े पैमाने पर घरों और संपत्ति का नुकसान हुआ। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.9 मापी गई थी। इसके बाद भी ्वहा भूकंप के कई छोटे झटको का सिलसिला बना रहा। नेपाल में भूकंप के बाद भारत की ओर से चलाए गए राहत अभियान कीचर्चा करते हुए श्रीमति स्वराज ने कहा, \" इस आपदाके दौरान भारत द्वारा चलाया गया \'ऑपरेशन मैत्री\' विदेशों में किसी भी आपदा से निपटने के लिए चलाए गए हमारे अब तक के अभियानों में सबसे बड़ा है,लेकिन यह महत्वपूर्ण नहीं है कि राहत अभियान भारत की ओर से किसी भी देश में आपात परिस्थतियों के बाद चलाया गया सबसे बड़ा अभियान है, बल्कि भारत की जनता द्वारा अपने नेपाली भाइयों और बहनों के लिए महसूस की गई संवेदना और उसके बाद उठाए गए कदम महत्वपूर्ण हैं।\"
पुनर्निर्माण के लिए नेपाल की ओर से की जा रही कोशिशों की सराहना करते हुए सुषमा ने कहा, \"भारत सबसे पुराने और करीबी मित्र के रूप में नेपाल के साथ हमेशा खड़ा रहेगा, पुनर्निर्माण के बाद आत्मविश्वास से भरपूर नेपाल उभरेगा।\"
सुषमा ने भारत और नेपाल के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा, \"हम कई अन्य क्षेत्रों में साथ मिलकर काम कर सकते हैं, जहां हमारी विशेषज्ञता और नेपाल की आवश्यकता एक-दूसरे के अनुरूप हो सकती है। इनमें कृषि, आवास, सड़क एवं परिवहन, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, सांस्कृतिक धरोहर तथा आपदा के खतरों को कम करने जैसे क्षेत्र शामिल हैं।\" नेपाल ने मदद के लिए भारत का धन्यवाद किया और भूकंप प्रभावित इस देश का फिर से अपने पैर पर खड़ा होना सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। नेपाली राष्ट्रपति रामबरन यादव ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से हुई मुलाकात के दौरान श्री मोदी की सराहना की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, भारत ने संकट की घड़ी में नेपाल की जो शानदार मदद की उसको लेकर राष्ट्रपति यादव ने उसकी बहुत प्रशंसा की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से निजी तौर पर निभाई गई भूमिका का खासतौर पर उल्लेख किया कि भारत चाहता है कि जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी नेपाल अपने पैर पर फिर से खड़ा हो सके।
गौरतलब है कि नेपाल में भूकंप के बाद भारत ने तेजी से कदम उठाते हुए बड़े पैमाने पर बचाव दल, चिकित्सकों एवं बचाव विशेषज्ञों को भेजा था। भारतीय सेना और वायुसेना ने भी राहत कार्य और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर एवं परिवहन विमान तैनात किए थे।
सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले अन्य विदेशी प्रतिनिधियों ने भी नेपाल में पुनर्निर्माण कार्यो के लिए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। इस सम्मेलन में 60 देशों के 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन का आयोजन नेपाल सरकार द्वारा पुनर्निर्माण कार्यो के लिए अंतर्राष्ट्रीय मदद जुटाने के उद्देश्य से किया गया।पाल ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस तबाही से उबरने के लिये करीब सात अरब डॉलर की सहायता मांगी है। इसका उद्घाटन नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने किया।
चीन के विदेश मंत्री ने सम्मेलन मे कहा कि उनका देश नेपाल को वर्ष 2018 तक 48.3 करोड़ डॉलर की मदद देगा, जबकि जापान ने नेपाल को 26 करोड़ डॉलर देने का वादा किया।
नार्वे के विदेश मंत्री बॉर्ज ब्रेंडे ने नेपाल को करीब 2.5 करोड़ डॉलर की मदद देने की घोषणा की। वहीं, नेपाल में अमेरिका के राजदूत पीटर डब्ल्यू. बोडे ने 13 करोड़ डॉलर की सहायता देने की घोषणा की।
एशियाई विकास बैंक ने नेपाल को 60 करोड़ डॉलर की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की, जबकि यूरोपीय संघ ने नेपाल को करीब 11.1 करोड़ डॉलर की मदद देने की घोषणा की।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून तथा विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने सम्मेलन के लिए अपने वीडियो संदेश भेजे। उन्होंने नेपाल को अपनी ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
विश्व बैंक ने नेपाल को ग्रामीण क्षेत्रों में मकान बनाने के लिए 20 करोड़ डॉलर और वित्तीय क्षेत्र की मदद के लिए 10 करोड़ डॉलर की मदद देने की घोषणा की है।
नेपाल में दो भूकंप 25 अप्रैल तथा 22 मई को आये थे जिसमें 8832 व्यक्तियों की मौत हो गयी थी और 22 हजार लोग घायल हो गये थे। इससे हजारों लोग बेघर हो गये थे। नेपाल सरकार ने 6.6 अरब डालर की सहायता की जरूरत बतायी है।
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सहायता सम्मेलन में कहा कि भारत एक अरब डालर की सहायता देगा जिसमें एक तिहाई की रकम अनुदान के रूप में होगी। शेष राशि वह ऋण के रूप में देगा। भारत नेपाल को अगले पांच वर्ष में दो अरब डालर की सहायता देगा।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 48.3 करोड़ डालर की सहायता की घोषणा की। चीन के विदेश मंत्री ने यह साफ नहीं किया कि यह रकम अनुदान के रूप में होगी या ऋण के रूप में।
नेपाल ने की पीएम मोदी की सराहना
इस बीच नेपाल ने शानदार मदद के लिए भारत का धन्यवाद किया और भूकंप प्रभावित इस देश का फिर से अपने पैर पर खड़ा होना सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। नेपाली राष्ट्रपति रामबरन यादव ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मोदी की सराहना की। सुषमा ने यहां यादव से मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, भारत ने संकट की घड़ी में नेपाल की जो शानदार मदद की उसको लेकर राष्ट्रपति ने बहुत तारीफ की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से निजी तौर पर निभाई गई भूमिका का खासतौर पर उल्लेख किया कि जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी नेपाल अपने पैर पर फिर से खड़ा हो सके।
नेपाल में भूकंप के बाद भारत ने तेजी से कदम उठाते हुए बड़े पैमाने पर बचाव दल, चिकित्सकों एवं बचाव विशेषज्ञों को भेजा था। भारतीय सेना और वायुसेना ने भी राहत कार्य और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर एवं परिवहन विमान तैनात किए थे।
नेपाली प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने अंतरराष्ट्रीय अनुदानकर्ताओं को आश्वासन दिया कि देश में व्यापक पैमाने पर चले रहे पुनर्निर्माण प्रयासों में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की जायेगी
कोइराला ने अंतरराष्ट्रीय अनुदानकर्ता सम्मेलन का उदघाटन करते हुए वित्तीय मदद की अपील की और भारत तथा दूसरे पड़ोसी देशों एवं सहायता एजेंसियों का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने विशेषज्ञ बचाव कर्मियों और राहत आपूर्ति तेजी से और उदारतापूर्वक प्रदान की।
नेपाली प्रधानमंत्री ने कहा, मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे कि आपका सहयोग जरूरतमंद लाभार्थियों तक पहुंचे। हम पुनर्निर्माण के प्रयास में पारदर्शिता सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, हम अपने पड़ोसियों-भारत और चीन, दक्षेस के साथी सदस्यों और दूसरे सभी देशों का इस बात के लिए आभार प्रकट करते हैं कि उन्होंने कुछ घंटे के भीतर विशेषज्ञ खोजी और बचाव कर्मियों को रवाना कर दिया। वी एन आई