लंदन 9 मई (अनुपमा जैन, वीएनआई) सक्रिय राजनीति से परहेज़ करने वाले इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनाक को ब्रिटेन के आम चुनाव में्भारी जीत मिली है, ऋषि सुनाक ने कंजरवेटिव पार्टी के लिए सुरक्षित क्षेत्र माने जाने वाले रिचमंड से जीत हासिल की. उनको 27,744 वोट मिले. सुनाक ने यूकेआईपी उम्मीदवार मैथ्यू कूक को पराजित किया. वह पहली बार ब्रिटिश संसद पहुंचे हैं, सुनाक ने कहा, मैं अपने माता-पिता को हमारे अपने स्थानीय समुदाय की पूरे समर्पण के साथ सेवा करते हुए देखकर बडा हुआ हूं. मेरे पिता राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा में हैं तो मेरी मां दवा की दुकान चलाती थीं. नारायण मूर्ति ने दामाद सुनाक की सांसद के तौर पर काम करने की क्षमता में भरोसा जताया और कहा कि उन्हें बड़ी उम्मीदें पूरी करनी है,मूर्ति ने एक बयान में कहा \'मुझे बहुत खुशी है कि ऋषि \'रिचमंड यॉर्क्स\' से इतने बड़े बहुमत से जीते हैं। उन्होंने और अक्षता ने बहुत मेहनत की और अपने संसदीय क्षेत्र के लिए निष्ठा और परिकल्पना को प्रेषित करने में कामयाब रहे।\'
सुनाक के अलावा कीथ वाज भी चुनाव जीत गये हैं, वे लंदन के लेस्टर स्कॉयर में लेबर पार्टी से चुनावी उम्मीदवार थे, लेस्टर शहर में भारतीय मूल के लोगों की संख्या काफी है। यहां हर दो में से एक वोटर भारतीय मूल का है और कीथ वाज़ इस शहर से 1987 से एमपी चुने जा रहे हैं। गौरतलब है कि वाज़ को देश के वंचितों और अल्पसंख्यक वर्गों की खातिर उल्लेखनीय कार्य करने के लिए भारतीय मूल के ब्रिटिश राजनीतिज्ञ कीथ वाज को \'वर्ष 2014 का लेबर सांसद\' (लेबर एमपी ऑफ द ईयर) चुना गया था कीथ वाज़ के साथ ही लेबर पार्टी के एक अन्य उम्मीदवार वीरेंद्र शर्मा ईलिंग साउथॉल से चुनाव जीत गए हैं, उनका भी अपने क्षेत्र में रहने वाले भारतीय मूल के मतदाताओं के साथ खासा जुड़ाव है।
एक अन्य भारतवंशी और कंजरवेटिव पार्टी में भारतीय मूल की बड़ी नेता प्रीति पटेल ्ने अपनी विटहम सीट पर 41.5 फीसदी मत हासिल करके 27,123 मतों के अंतर से जीत ली है। उल्लेखनीय है कि 42 वर्षीय प्रीति पटेल 15 जुलाई 2014 को ब्रिटेन की राजकोष सचिव नियुक्त हुईं थी. प्रीति वर्ष 2010 में सांसद बनी थीं. वह कंजरवेटिव पार्टी की पहली महिला एशियाई मूल की सांसद हैं. प्रीति ब्रिटिश सरकार की ‘डाउनिंग स्ट्रीट’ नीति बोर्ड की सदस्य भी हैं.
विपक्षी लेबर पार्टी की उम्मीदवार तथा कीथ वाज़ की बहन वेलेरी वाज ने भी ने भी वालसाल साउथ सीट को बरकरार रखा है, भारतवंशी सीमा मल्होत्रा ने भी अपनी दक्षिण पश्चिम लंदन की सीट को आसानी से जीत ली है। सीमा मल्होत्रा ने फेल्थम एंड हेस्टन सीट से जीत दर्ज कर ली है। बताया जाता है कि लेबर पार्टी की टिकट पर चुनाव लडीं मल्होत्रा ने कंजरर्वेटिव पार्टी के सिमन नायर को 10 हजार 463 मतों से पराजित किया।मल्होत्रा को 25 हजार 845 मत मिले, जबकि कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार को 14 हजार 382 मत हासिल हुए।
भारतीय मूल के कई उम्मीदवारों को हार का भी सामना करना पड़ा है। कंजरवेटिव पार्टी के उम्मीदवार पॉल उप्पल बहुत कम मतों के अंतर यानि केवल 1000 मतों से हारे हैं। वालवरहैम्पटन क्षेत्र में भारतवंशी भाई बहन अरुण और सुरिया फोते भी ब्रिटिश संसद में पहुंचने के प्रयास में नाकाम रहे हैं।
इस बार के चुनाव में भारतीय मूल के कुल 59 लोगों को टिकट मिला था। कंजरवेटिव ने 17, लेबर ने 14, लिबरल डेमोक्रेट ने 14, ग्रीन पार्टी ने चार, यूकेआईपी ने तीन भारतीय मूल के लोगों को उम्मीदवार बनाया था। उत्तरी आयरलैंड से पहले सिख उम्मीदवार अमनदीप सिंह भोगल महज 201 मतों के अंतर से हार गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को ब्रिटेन के आम चुनावाें में कंजरवेटिव पार्टी की जीत पर बधाई दी। मोदी ने ट्वीट किया, ‘डेविड कैमरन बधाई। जैसा कि आपने सही कहा, ‘फिर एक बार, कैमरन सरकार’।