दिल्ली 15 अक्टूबर (वीएनआई) एलन मस्क और उनकी कंपनी स्पेसएक्स ने एक बार फिर से इतिहास कायम कर दिया । ्गत रविवार की शाम को 'स्टारशिप' का पांचवां परीक्षण सफल रहा, जिसने इसे विश्व के सबसे ताकतवर रॉकेट बना दिया है। इस परीक्षण में स्टारशिप को अंतरिक्ष में भेजा गया और इसके एक हिस्से को हिंद महासागर में नियंत्रित लैंडिंग कराई गई, जबकि बूस्टर को सफलतापूर्वक लॉन्चिंग पैड पर वापस लाया गया।
स्टारशिप की इस सफल टेस्टिंग में एक खास तकनीक का इस्तेमाल किया गया। रॉकेट को पकड़ने के लिए एक विशेष टावर का निर्माण किया गया है, जिसमें दो मेटल आर्म्स लगे हैं, जिसे ‘चॉपस्टिक’ नाम दिया गया है। यह तकनीक रॉकेट को सुरक्षित तरीके से वापस लाने में मदद करती है।
मीडिया रिपोर्त्स के अनुसार स्टारशिप की लॉन्चिंग, रीएंट्री और टावर पर लौटने की पूरी प्रक्रिया लगभग एक घंटे 5 मिनट में पूरी हुई। 13 अक्टूबर को शाम 5:55 बजे टेक्सास के बोका चिका से इसे लॉन्च किया गया। उड़ान के कुछ मिनटों बाद रॉकेट का सुपर हैवी बूस्टर स्पेसक्राफ्ट से अलग हो गया। स्पेसक्राफ्ट की नियंत्रित लैंडिंग हिंद महासागर में कराई गई, जबकि बूस्टर ने पृथ्वी के 96 किलोमीटर की ऊंचाई पर लौटकर टावर द्वारा कैच किया गया।
स्टारशिप की क्षमता की बात करें तो यह पृथ्वी की कक्षा में 150,000 किलोग्राम तक पेलोड ले जाने में सक्षम है। यह न केवल चांद पर जाने के लिए बल्कि पृथ्वी से पृथ्वी तक परिवहन और इंटरप्लेनेटरी ट्रांसपोर्टेशन के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसकी ऊंचाई 164 फीट और डायमीटर 9 मीटर है, जिसमें 100 से 150 टन पेलोड ले जाने की क्षमता है।
स्टारशिप में छह इंजन लगे हैं, जिनमें से तीन रैप्टर और तीन रैप्टर वैक्यूम इंजन हैं। इसके बूस्टर, जिसे सुपर हैवी कहा जाता है, पूरी तरह से रियूजेबल है। यह लॉन्चिंग के थोड़ी देर बाद पृथ्वी के वायुमंडल में लौट सकता है और टावर के जरिए कैच किया जा सकता है।
्गौरतलब है कि स्टारशिप, एलन मस्क और स्पेसएक्स का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। नासा के आर्टेमिस प्रोग्राम में भी इस एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे इंसानों को फिर से चांद पर भेजा जाएगा। इसके अलावा, मस्क इसे मंगल पर भेजने की योजना बना रहे हैं।
स्टारशिप के पहले तीन परीक्षण सफल नहीं रहे थे। पहले परीक्षण में 20 अप्रैल 2023 को, यह उड़ान के कुछ ही मिनटों में विस्फोट हो गया। दूसरे परीक्षण में 18 नवंबर 2023 को सेपरेशन स्टेज में तकनीकी खामी आ गई थी, और तीसरे परीक्षण में भी संपर्क टूट गया था। हालांकि, चौथे परीक्षण में 6 जून 2024 को यह पूरी तरह सफल रहा।
एलन मस्क का स्टारशिप न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से एक मील का पत्थर है, बल्कि यह अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य को भी नया दिशा दे सकता है। इस सफल परीक्षण ने साबित कर दिया है कि मानवता का सपना अंतरिक्ष में यात्रा करने का एक कदम और करीब है।
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