भुवनेश्वर और धोनी ने हार के मुंह से भारत को दिलाई तीन विकेट से जीत

By Shobhna Jain | Posted on 24th Aug 2017 | खेल
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पल्लेकेले, 24 अगस्त (वीएनआई)| भारत ने भुवनेश्वर कुमार (नाबाद 53) और महेंद्र सिंह धौनी (नाबाद 45) के बीच आठवें विकेट के लिए बेहद अहम साझेदारी के दम पर दूसरे वनडे मैच में श्रीलंका के मुंह से जीत छीनते हुए आज पल्लेकेले स्टेडियम में तीन विकेट से हरा दिया। साथ ही भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने एक बार फिर बताया है कि उन्हें विश्व का सर्वश्रेष्ठ फिनिशर क्यों कहा जाता है। इसी के साथ पांच वनडे मैचों की सीरीज में भारत ने 2-0 की बढ़त ले ली है। 

श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 236 रन बनाए थे, लेकिन दूसरी पारी शुरू होने से पहले बारिश आ गई और भारत को 47 ओवरों में 231 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला, जिसे उसने सात विकेट खोकर 44.2 ओवरों में हासिल कर लिया।  हालांकि उसकी इस जीत में श्रीलंका के स्पिनर गेंदबाज अकिला धनंजय रोड़ा बना गए थे, जिन्होंने छह विकेट लेकर एक समय भारत का स्कोर सात विकेट के नुकसान पर 131 रन कर दिया था। लेकिन धौनी और भुवनेश्वर ने मिलकर उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया और अपनी टीम को पांच वनडे मैचों की सीरीज में 2-0 से आगे कर दिया। भुवनेश्वर का यह वनडे में पहला अर्धशतक है।

आसान से लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत को रोहित शर्मा (54) और शिखर धवन (49) ने शुरुआत तो बेहद मजबूत दी थी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 109 रन जोड़े थे। अकिला ने 16वें ओवर की तीसरी गेंद पर रोहित को आउट कर भारत को पहला झटका दिया। दूसरा विकेट श्रीवर्दने ने धवन के रूप में लिया। वह 113 के कुल स्कोर पर आउट हुए। यहां से अकिला हावी हो गए और देखते-देखते हुए उन्होंने अपनी फिरकी में भारतीय बल्लेबाजों लपेट लिया। उन्होंने 13 गेंदों में पांच विकेट लेकर भारत की कमर तोड़ दी।  उन्होंने अपना दूसरा शिकार केदार जाधव (1) को बनाया। ऊपर आए जाधव अकिला की गेंद पर बोल्ड हो गए। फिर अकिला ने अपनी गूगली में भारतीय कप्तान विराट कोहली को जकड़ा। विराट महज चार रन जोड़कर पवेलियन लौट लिए। कोहली के बाद लोकेश राहुल (4) और हार्दिक पांड्या भी अकिला का शिकार बने। दिग्गजों को पवेलियन लौटाने वाले अकिला ने अक्षर पटेल को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने पटेल को 131 के कुल स्कोर पर अपना छठा शिकार बनाया। 

धौनी दूसरे छोर पर इस उम्मीद में खड़े थे कि उन्हें किसी बल्लेबाज का समर्थन मिलेगा और उनकी इस उम्मीद को भुवनेश्वर ने पूरा किया। यहां से इस जोड़ी ने इस तरह विकेट पर अपने पैर जमाए कि जाने का नाम नहीं लिया और आठवें विकेट के लिए 100 रनों की साझेदारी कर टीम को जीत दिलाकर ही दम लिया।  भुवनेश्वर ने अपनी नाबाद पारी में 80 गेंदों का सामना किया और चार चौके तथा एक छक्का लगाया। वहीं धौनी ने 68 गेंदें खेलीं और सिर्फ एक चौका मारा। धौनी ने न सिर्फ अपने आप को संभाला बल्कि भुवनेश्वर कुमार को साथ लेकर खेलते रहे। इस जोड़ी को तोड़ने के लिए श्रीलंकाई कप्तान उपुल थरंगा ने छह गेंदबाजों का इस्तेमाल किया, लेकिन सभी विफल रहे। 

इससे पहले, भारतीय कप्तान कोहली ने टॉस जीतकर श्रीलंका को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। भारतीय गेंदबाजों ने अपने कप्तान के फैसले को सही साबित किया और मेजबान टीम के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का कोई भी मौका नहीं दिया। निरोशन डिकवेला (31) और दानुष्का गुणाथिलका ने टीम को सधी हुई शुरुआत देने की कोशिश की और पहले विकेट के लिए 41 रन जोड़े। जसप्रीत बुमराह ने डिकवेला को धवन के हाथों कैच करवा भारत को पहली सफलता दिलाई। यहां से श्रीलंकाई टीम नियमित अंतराल पर विकेट खोने लगी। अगला विकेट गुणाथिलका का गिरा। लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल की गेंद पर धौनी ने स्टंपिंग कर गुणाथिलका को पवेलियन की राह दिखाई। वह 70 के कुल स्कोर पर आउट हुए। थरंगा सिर्फ 9 रन ही बना सके और पांड्या की गेंद पर कोहली के हाथों स्लिप पर लपके गए। कुशल मेंडिस (19) चहल का दूसरा शिकार बन पवेलियन लौटे। मेजबान टीम को पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन वह सिर्फ 20 रन ही बना सके। वह पटेल की गेंद पर पगबाधा करार दिए गए।

श्रीलंकाई टीम ने 121 के स्कोर पर ही अपने पांच विकेट खो दिए थे और पूरी टीम के निर्धारित 50 ओवरों से पहले ही पवेलियन लौटने की उम्मीद नजर आ रही थी। लेकिन श्रीवर्दने और कपुगेदरा ने ऐसा नहीं होने दिया। इन दोनों ने टीम को संभाला, हालांकि यह जोड़ी टीम को बड़ा स्कोर नहीं प्रदान कर सकी। छठे विकेट के लिए इस जोड़ी ने 91 रन जोड़े, लेकिन विकेट पर जमने के बाद भी यह जोड़ी भारतीय गेंदबाजों की सटीक लाइन-लेंग्थ के सामने खुलकर नहीं खेल पाई। श्रीवर्दने ने 58 रनों की पारी खेली जिसमें दो चौके और एक छक्का शामिल है। अंत के ओवरों में मेजबान खेमे को इन दोनों से तेजी से रन जोड़ने की उम्मीद थी। इसी कोशिश में मिलिंदा 45वें ओवर की आखिरी गेंद पर रोहित शर्मा को कैच देकर पवेलियन लौटे। कपुगेदरा की पारी का अंत बुमराह ने बेहतरीन यार्कर गेंद के साथ किया। अकिला धनंजय एक चौके की मदद से नौ रन बनाकर बुमराह का शिकार बने। दुशमंथा चामीरा और विश्वा फर्नाडो क्रमश: छह और तीन रनों के निजी स्कोर पर नाबाद लौटे। भारत के लिए बुमराह ने सबसे ज्यादा चार विकेट लिए। चहल को दो सफलताएं मिलीं जबकि पांड्या और पटेल को एक-एक विकेट मिला।


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