कटक, 19 जनवरी (वीएनआई)| भारत और इंग्लैंड के बीच बाराबती स्टेडियम में आज खेले गए दूसरे रोमांचक एकदिवसीय मैच में भारत ने 15 रनों से जीत दर्ज करते हुए तीन मैचों की श्रृंखला पर 2-0 से बढ़त हासिल की। अब कोलकाता में 22 जनवरी को होने वाला श्रृंखला का तीसरा मैच औपचारिकता मात्र रह गया है।
इस मैच में युवराज को उनकी आतिशी पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया, वहीं विराट कोहली बतौर कप्तान अपनी पहली ही श्रृंखला जीतने में भी सफल हुए। लगातार टीम से अंदर-बाहर हो रहे युवराज ने इस मैच में पुराने अंदाज में बल्लेबाजी की और अपने ट्रेडमार्क शॉट खेले। युवराज का यह एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर भी है। भारत से मिले 382 रनों के अपने सबसे विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड कप्तान इयान मोर्गन (102) और जेसन रॉय (82) की जुझारू पारियों के बावजूद निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट खोकर 366 रन बना सकी। इतने विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड 45 ओवरों तक भारत की अपेक्षा रनों के मामले में आगे चल रहा था। भारत के जहां 45 ओवरों में चार विकेट पर 308 रन थे, वहीं इंग्लैंड ने 45 ओवरों तक 309 रन बना लिए थे, हालांकि उसके सात विकेट गिर चुके थे। 81 गेंदों में छह चौके और पांच छक्के लगा चुके मोर्गन जब तक क्रीज पर थे, इंग्लैंड की उम्मीदें बची हुई थीं। लेकिन 49वें ओवर की तीसरी गेंद पर जसप्रीत बुमराह ने फॉलोअप में न सिर्फ लियाम प्लंकेट का शॉट रोका, बल्कि नॉन स्ट्राइकर छोर छोड़ चुके मोर्गन को रन आउट कर इंग्लैंड की आखिरी उम्मीद भी खत्म कर दी। इंग्लैंड को आखिरी ओवर में 22 रन चाहिए थे और गेंद लेकर उतरे डेथ ओवर के विश्वसनीय गेंदबाज भुवनेश्वर। भुवनेश्वर ने विश्वास को कायम रखते हुए ओवर में सिर्फ छह रन दिए और भारत 15 रनों से मैच जीत गया।
बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड ने एलेक्स हेल्स (14) विकेट शुरू में ही गंवाने के बाद अच्छी लय पकड़ी। जोए रूट (54) ने जेसन रॉय (82) के साथ दूसरे विकेट के लिए 100 रनों की साझेदारी कर टीम को लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ाया। 55 गेंद पर आठ चौके लगाकार रूट रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर विराट कोहली के हाथों लपके गए। जेसन रॉय ने इसके बाद मैदान पर उतरे कप्तान इयान मोर्गन (102) के साथ 42 रन जोड़े और टीम को लक्ष्य की पटरी पर बनाए रखा। 73 गेंदों में नौ चौके और दो छक्के लगा चुके जेसन की तेज-तर्रार पारी पर रवींद्र जडेजा ने लगाम लगाई। यहां से इंग्लैंड ने मध्यक्रम में बेन स्टोक्स (1) और जोस बटलर (10) के विकेट जल्दी-जल्दी गंवाए। मोर्गन एक छोर संभालकर खड़े रहे। 206 रन पर पांच विकेट इंग्लैंड गंवा चुकी थी, तब मोइन अली (55) मैदान पर उतरे। मोइन ने मोर्गन का अच्छा साथ निभाया। दोनों ने 12.1 ओवरों में 7.64 के औसत से 93 रनों की साझेदारी कर टीम को 300 के करीब पहुंचा दिया। यह साझेदारी भारत के लिए और खतरनाक होती, तभी मोइन ऑफ स्टंप से काफी बाहर जा रही गेंद पर तेज शॉट लगाने के प्रयास में बल्ले का भीतरी किनारा दे बैठे और गेंद ने उनकी गिल्लियां बिखेर दीं। भुवनेश्वर के इससे ठीक पहले वाले ओवर में मोइन को एक जीवनदान भी मिला था। मोइन का तेज खेला गया शॉट काफी ऊंचा उठा और लांग ऑन पर खड़े रवींद्र जडेजा के लिए यह एक आसान कैच लग रहा था, लेकिन दबाव में वह कैच छोड़ बैठे। हालांकि भारत को इस गलती का ज्यादा खामियाजा नहीं भुगतना पड़ा। जसप्रीत बुमराह ने अगले ही ओवर में क्रिस वोक्स (5) को क्लीन बोल्ड कर इंग्लैंड को सातवां झटका दे दिया। हालांकि मोर्गन अभी भी आतिशी अंदाज में खेल रहे थे। बुमराह के इस ओवर सहित अगले चार ओवरों में इंग्लैंड ने 49 रन बटोरे। मोर्गन ने लियाम प्लंकेट (नाबाद 26) के साथ मात्र 25 गेंदों में 50 रन जड़ डाले। लेकिन मोर्गन अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके। भारत के लिए रविचंद्रन अश्विन ने सर्वाधिक तीन विकेट चटकाए। उनके अलावा जसप्रीत बुमराह को दो और भुवनेश्वर कुमार और रवींद्र जडेजा को एक-एक विकेट मिला। जडेजा सबसे किफायती गेंदबाज रहे। उन्होंने 10 ओवरों में 45 रन दिए।
इससे पहले, टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने युवराज और धौनी की दमदार पारियों की बदौलत निर्धारित 50 ओवरों में छह विकेट खोकर 381 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था। युवराज और धौनी ने चौथे विकेट के लिए 256 रनों की साझेदारी की। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 38.2 ओवरों में 6.67 की औसत से रन जोड़े। यह एकदिवसीय क्रिकेट में चौथे विकेट के लिए अभी तक की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है। शुरुआत में धीमी बल्लेबाज कर रहे धौनी ने अंतिम ओवरों में रफ्तार पकड़ी। उन्होंने क्रिस वोक्स द्वारा फेंके गए 43वें ओवर की दूसरी गेंद पर छक्का मारते हुए एकदिवसीय में 200 छक्के अपने नाम दर्ज किए। यह किसी भी भारतीय खिलाड़ी द्वारा इस प्रारूप में लगाए गए सबसे ज्यादा छक्के हैं। इस मैच में उन्होंने 122 गेंदें खेलते हुए 10 चौके और छह छक्के जड़े। उनके नाम अब 203 छक्के दर्ज हो गए हैं। इसके साथ ही धौनी ने एकदिवसीय में चार साल बाद शतक जड़ा है। उन्होंने अपना अंतिम शतक 23 अक्टूबर, 2013 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में जड़ा था। धौनी ने युवराज के जाने के बाद एक्सीलेटर पर पांव रखा। पहले मैच में शतकीय पारी खेलने वाले केदार जाधव ने भी आते ही बड़े शॉट लगाने शुरू कर दिए। जाधव ने 10 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के की मदद से 22 रन बनाए। हार्दिक पांड्या 19 और रवींद्र जडेजा 16 रन बनाकर नाबाद रहे। भारत ने पुणे में हुए पहले मैच में 350 रनों का लक्ष्य हासिल करते हुए इंग्लैंड पर तीन विकेट से सनसनीखेज जीत हासिल की थी।