नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (वीएनआई)| भारत और इंग्लैंड के बीच आगामी श्रृंखला में बीसीसीआई ने डीआरएस को ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। बीसीसीआई इस श्रृंखला में इस प्रणाली में किए गए सुधारों का आकलन करेगी। भारत और इंग्लैंड के बीच श्रृंखला नौ नवंबर से एक फरवरी के बीच खेली जाएगी। इस दौरन पांच टेस्ट, तीन एकदिवसीय और तीन टी-20 मैच खेले जाएंगे।
बीसीसीआई के बयान के अनुसार, बोर्ड इस प्रणाली को श्रृंखला में इसकी पूर्ण क्षमता के साथ इस्तेमाल करेगा। बीसीसीआई ने आईसीसी और हॉकआई अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस प्रणाली में किए गए सुधारों के मूल्यांकन के बाद इसके इस्तेमाल की अनुमति दी है। बीसीसीआई ने इस बात पर संतुष्टि जताई है कि आईसीसी और हॉकआई के अधिकारियों ने बोर्ड द्वारा जताई गई कई चिंताओं और सुझावों पर काफी हद तक ध्यान दिया है।
इसमें किए गए बदलावों में एक बदलाव 'अल्ट्रामोशन कैमरों' को शामिल करना है, जिससे गेंद की दिशा पर बेहतर रूप से नजर रखी जाएगी और इसका आकलन और भी सटीक हो सकेगा। डीआरएस में अब प्रभाव बिन्दु तय करने के लिए मानवीय हस्ताक्षेप भी होगा जिसे अल्ट्रा ऐज तकनीक के माध्यम से नियंत्रित किया जाएगा। हॉकआई ने अब इस तरह की तकनीक इजाद की है जो सभी प्रक्रिया को रिकार्ड और उसके सभी चित्र सुरक्षित कर लेगी। किसी वजह से अगर ऑपरेटर ट्रेकिंग सिस्टम को पकड़ नहीं पाता है तो इन चित्रों का उपयोग किया जा सकेगा। इस प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त कैमरों को भी अब उपयोग में लिया जाएगा। इसके अलावा डीआरएस के लिए स्पिन को बेहतर तरीके से देखने के लिए सौ फीसदी भरोसेमंद अवलोकन प्रदान किया जाएगा। यह सभी कुछ बीसीसीआई के सुझावों पर आधारित है।
बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर इस बैठक में मौजूद थे। उन्होंने एक बयान में कहा, हम इस बात से खुश हैं कि हॉकआई ने हमारी सभी सिफारिशों पर ध्यान दिया है। हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली आगामी श्रंखला में डीआरएस प्रणाली के संशोधित संस्करण को ट्रायल के तौर पर उपयोग में लाया जाएगा। इस श्रृंखला में इस प्रणाली के प्रदर्शन और इस पर मिलने वाली प्रतिक्रियाओं के बाद ही हम आने वाली श्रृंखलाओं में इसे जारी रखने के बारे में विचार करेंगे।