रियो ओलम्पिक में अभिनव बिंद्रा पदक से चूके

By Shobhna Jain | Posted on 8th Aug 2016 | खेल
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रियो डी जेनेरियो, 8 अगस्त (वीएनआई)। 2008 बीजिंग ओलम्पिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाकर इतिहास रचने वाले भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा आज रियो ओलिंपिक के 10 मीटर एअर राइफल स्पर्धा में एक बार फिर इतिहास रचने से चूक गए। बिंद्रा स्पर्धा के फाइनल में चौथे स्थान पर रहे। ओलम्पिक शूटिग सेंटर में बिंद्रा ने फाइनल में 163.8 अंको के साथ चौथा स्थान हासिल किया। वह एक समय दूसरे और तीसरे स्थान पर चल रहे थे लेकिन बाद में उनका प्रदर्शन लगातार गिरता गया और वह पदक की दौड़ से बाहर हो गए। इटली के निकोलो कैम्प्रीयानी ने 206.1 अंकों साथ स्वर्ण जीता जबकि यूक्रेन के शेरी कुलीस ने 204.6 अंकों के साथ रजत और रूस के ब्लादिमीर मासलेनीकोव ने 184.2 अंकों साथ कांस्य जीता। निकोलो ने फाइनल ओलम्पिक रिकार्ड कायम किया। वहीं लंदन में कांस्य जीतने वाले गगन नारंग भी इस स्पर्धा में चुनौती पेश की थी लेकिन वह क्वालीफिकेशन दौर से बाहर हो गए थे। क्वालीफिकेशन राउंड में बिंद्रा ने 50 निशानेबाजों के बीच सातवां स्थान हासिल किया था। कुल 8 निशानेबाज फाइनल में पहुंचे जबकि नारंग 23वें स्थान पर रहे। बिंद्रा ने कुल 625.7 अंक अपने खाते में डाले। दूसरी ओर, नारंग सिर्फ 621.7 अंक ही हासिल कर सके। नारंग ने छह सीरीज में 105.3, 104.5, 102.1, 103.4, 101.6 और 104.8 अकं हासिल किए। बिंद्रा ने इससे बेहतर प्रदर्शन करते हुए 104.3, 104.4, 105,9, 103.8, 102.1 और 105.2 अंक बनाए। कैम्प्रीयानी 630.2 अंकों के साथ पहले और ब्लादिमीर मासलेनीकोव 629.0 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। निकोलो ने नया ओलम्पिक रिकार्ड कायम किया। फाइनल में बिंद्रा ने अच्छी शुरुआत की। शुरुआती चरण में वह पीछे रहे लेकिन मध्य के चरण में दूसरे स्थान पर आ पहुंचे। इसके बाद वह तीसेर और चौथे स्थान के बीच झूलते रहे। इसी क्रम में दूसरे खिलाड़ी उनसे अधिक अंक जुटाते चले गए और बिंद्रा के हाथ से पदक का मौका निकल गया। बिंद्रा ने फाइनल में 29.9, 30.2, 21.1, 21.5, 20.8, 20.2 और 20.1 अंक हासिल किए। वह सात सीरीज तक ही निशाना साध सके। बिंद्रा ने मैचे के बाद कहा मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, लेकिन पदक मेरा नहीं था। यह मुश्किल मुकाबला था और किसी को चौथे स्थान पर आना था, वो मैं रहा। बिंद्रा ने आगे कहा यह इसी तरह होना था। मैं अपना सबकुछ दिया। यह अच्छा लेकिन मुश्किल दिन था। पदक जीतता तो और बेहतर हो सकता था। बिंद्रा अब निशानेबाजी से संन्यास ले रहे हैं। ओलम्पिक से पहले ही उन्होंने इसकी घोषणा कर दी थी। वह भारत के लिए किसी व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले अब तक के एकमात्र खिलाड़ी हैं।

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