बेंगलुरु 17 अक्टूबर (वीएनआई) बेंगलुरु में पहले टेस्ट मैच के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने इतिहास का सबसे निचला स्कोर दर्ज किया, जो केवल 46 रन था। भारतीय टीम और न्यूजीलैंड के बीच सीरीज का पहला टेस्ट मैच बेंगलुरु में बुधवार से होना था, लेकिन बारिश के कारण पहले दिन का खेल बारिश के कारण पूरी तरह धुल. गया ,पहले दिन टॉस भी नहीं हुआ प्रशंसकों को उम्मीद थी कि अगले दिन रोमांचक मुकाबला देखने को मिलेगा। लेकिन जैसे ही भारतीय टीम ने बल्लेबाजी करने का फैसला किया, वह निर्णय उल्टा पड़ गया।गौरतलब है कि भारतीय टीम और न्यूजीलैंड के बीच 3 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है ापको बता दें कि भारतीय टीम ने हाल ही में बांग्लादेश को टेस्ट और टी20 सीरीज में हराया है, जिससे रोहित ब्रिगेड का कॉन्फिडेंस काफी बढा है, जबकि न्यूजीलैंड को श्रीलंका के हाथों टेस्ट में हार झेलनी पड़ी।
बादलों से घिरे आसमान के नीचे भारतीय बल्लेबाज, जो अपनी ताकत और दृढ़ता के लिए जाने जाते हैं, हालात से निपटने में असफल रहे और लगातार विकेट खोते गए। पाँच बल्लेबाज तो बिना खाता खोले ही पवेलियन लौटे, और टीम का स्कोर 50 रन से भी कम पर सिमट गया। यह पहला मौका था जब भारत ने अपने घरेलू मैदान पर इतने कम स्कोर पर आउट होने का अपमान झेला। पूरी टीम केवल 31.1 ओवर में धराशायी हो गई, जो आक्रामक बल्लेबाजी शैली के बिल्कुल विपरीत था जिसे प्रशंसक देखने के आदी थे।
इस निराशाजनक प्रदर्शन के बीच, ऋषभ पंत ने थोड़ा साहस दिखाते हुए 49 गेंदों पर 20 रन बनाए। उनके अलावा यशस्वी जायसवाल ने 13 रन जोड़े, लेकिन बाकी बल्लेबाज एक-एक करके पवेलियन लौटते गए। स्टेडियम में मौजूद दर्शक, जो शुरू में उत्सुकता और उम्मीद से भरे थे, अब स्तब्ध थे। सोशल मीडिया पर भी इस हार का ज़िक्र जोर-शोर से होने लगा, खासकर अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की अनुपस्थिति पर चर्चा होने लगी। लंबे समय से इन दोनों को टीम से बाहर रखा गया है, क्योंकि चयनकर्ताओं ने युवा खिलाड़ियों पर भरोसा जताया है। लेकिन इस हार के बाद कई लोग सोचने लगे कि क्या अनुभव की कमी ने इस मुश्किल परिस्थिति में फर्क पैदा किया होता।
अब जब यह ऐतिहासिक घटना बीत चुकी है, तो सवाल उठने लगे हैं कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य क्या होगा। युवा प्रतिभाओं को तैयार किया जा रहा है, लेकिन अब चयनकर्ताओं पर जिम्मेदारी है कि वे अनुभव और युवा जोश के बीच सही संतुलन बनाएं। इस हार से सबक लेकर खिलाड़ियों को अगले मैचों में बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत है, ताकि टीम का सम्मान फिर से बहाल हो सके।
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