नई दिल्ली 31 मार्च (वीएनआई) नवरात्र का आज, यानी सोमवार 31 मार्च को चैत्र नवरात्रि का दूसरा और तीसरा दिन है. इस वर्ष द्वितीया और तृतीया तिथि एक ही दिन पड़ रही हैं। 31 मार्च को द्वितीया तिथि सुबह 9 बजकर 11 मिनट तक रही, इसके बाद तृतीया प्रारंभ हुई, जो 1 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी।
नवरात्रि के दूसरे दिन देवी दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप अत्यंत पवित्र और दिव्य है. मां का वर्णन शास्त्रों में ऐसी देवी के रूप में किया गया है, जो साधना और तपस्या की प्रेरणा देने वाली हैं. मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में जलपात्र होता है
तीसरा दिन मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए समर्पित होता है। चैत्र नवरात्रि 2025 में यह दिन 31 मार्च को पड़ रहा है। मां चंद्रघंटा का रूप अत्यंत शांत, सौम्य और ममता से परिपूर्ण माना जाता है। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र सुशोभित होता है, इसी कारण उन्हें 'चंद्रघंटा' नाम दिया गया। उनका यह रूप भक्तों को शांति, सुख और समृद्धि प्रदान करने वाला है। मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से व्यक्ति को न केवल मानसिक शांति प्राप्त होती है बल्कि समस्त कष्टों से मुक्ति भी मिलती है।मां चंद्रघंटा का यह रूप शक्ति, साहस और करुणा का प्रतीक है। उनकी पूजा से न केवल बाहरी कष्ट दूर होते हैं बल्कि व्यक्ति के अंतर्मन को भी शांति और संतोष प्राप्त होता है।
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