नई दिल्ली, 22 जनवरी, (वीएनआई) शिवसेना ने ऑक्सफैम की रिपोर्ट का उदाहरण देते हुए आज केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए मोदी सरकार के 'सबका साथ सबका विकास' नारे एक नौटंकी बता दिया है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि हिंदुस्तान जल्द ही आर्थिक महासत्ता बनने वाला है। इस तरह की अफवाहें पहले भी बीच-बीच में उड़ाई जाती रही हैं। शिवसेना ने कहा कि भारत में अमीर और गरीब लोगों के बीच बढ़ती खाई को उजागर करने वाली प्रतिष्ठित संस्था 'ऑक्सफैम' की वार्षिक रिपोर्ट ने 'सबका विकास' के दावे की पोल खोल दी है। देश के अमीर और गरीब के बीच की दूरी तेजी से बढ़ रही है, यह सच्चाई दुनिया के सामने इस रिपोर्ट ने रख दी है। यह रिपोर्ट हर संवेदनशील इंसान को बेचैन करने वाली है। गौरतलब है कि इस रिपोर्ट में कहा गया था, देश के अरबपतियों की संपत्ति में पिछले साल हर दिन 2200 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ। टॉप 1% में शामिल अमीरों की संपत्ति में 39% बढ़ोतरी हुई। जबकि, कम से कम दौलत वाली देश की 50% आबादी की संपत्ति सिर्फ 3फीसदी बढ़ी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि देश की कुल संपत्ति में से 51.53 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के पास है।
सामना में आगे कहा गया कि देश के 10 प्रतिशत लोगों के पास हिंदुस्तान की कुल संपत्ति का 77.4 प्रतिशत हिस्सा है। देश के सिर्फ एक प्रतिशत अमीर लोगों की तिजोरी में देश के आधे से अधिक लोगों की संपत्ति पड़ी है। यह विषमता यहीं पर नहीं थमती। जो एक प्रतिशत अमीर वर्ग है, उनकी संपत्ति में पिछले एक वर्ष में प्रतिदिन 2 हजार 200 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जिसके चलते सालभर में हिंदुस्तान के ये कुबेर 39 प्रतिशत और अमीर बन गए। शिवसेना ने कहा कि एक ओर एक प्रतिशत अमीर और दूसरी ओर बाकी गरीब जनता की भयंकर विषमता हिंदुस्तान की सामाजिक रचना और लोकतंत्र की नींव को खोखला करने वाली है।
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