शीला दीक्षित ने कहा केजरीवाल पूर्ण राज्य का दर्जा के लिए प्रधानमंत्री के पास जाएं

By Shobhna Jain | Posted on 15th Jun 2018 | राजनीति
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नई दिल्ली, 15 जून (वीएनआई)| दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने देश की राजधानी दिल्ली में 'गतिरोध' के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के पास जाने और प्रदर्शन के बदले पूर्ण राज्य का दर्जा मांगने की सलाह दी। 

दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित ने कहा, पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग केवल संसद में पूरी हो सकती है, क्योंकि केवल संसद को संविधान में बदलाव करने का अधिकार होता है। उन्होंने कहा, "दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है, उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के पास संविधान में बदलाव करने का कोई अधिकार नहीं है। अगर केजरीवाल पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग करते हैं, तो उन्हें संसद या प्रधानमंत्री के पास जाना चाहिए। शीला ने कहा कि उनकी पार्टी ने भी दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग की थी। उन्होंने कहा, लेकिन तब हमें अहसास हुआ कि देश की राष्ट्रीय राजधानी होने के तौर पर, शहर की सरकार (सिटी गवर्मेट) को दिल्ली पुलिस और भूमि पर नियंत्रण नहीं दिया जा सकता।

शीला दीक्षित ने आम आदमी पार्टी पर विफलताओं को छुपाने के लिए प्रदर्शन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "वे लोग हर मोर्चे पर विफल हो गए हैं और अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए उपराज्यपाल के घर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। शीला ने केजरीवाल को शहर में 'गतिरोध' उत्पन्न करने का भी जवाबदेह ठहराया और कहा, "मैंने किसी भी चुनी हुई सरकार को इस तरह से प्रदर्शन करते हुए नहीं देखा। मुझे नहीं पता वे लोग क्या छुपाने का प्रयास कर रहे हैं और ऐसे प्रदर्शनों के पीछे उनका उद्देश्य क्या है। शीला को सच पता है और यह भी कि चुनी हुई सरकार को धरना प्रदर्शन के लिए कौन विवश कर रहा है, लेकिन पार्टी लाइन पर चलाना उनकी मजबूरी है। उन्होंने कहा, "हमने भाजपा सरकार के अधीन भी छह वर्षो तक काम किया, लेकिन कभी भी ऐसी स्थिति पैदा नहीं हुई। इसबीच हमने 1998-2004 के बीच लगभग 1 लाख वाहनों को सीएनजी में परिवर्तित किया। हम शहर में जल सुधार लेकर आए। उन्होंने कहा, "इस गतिरोध के लिए केजरीवाल जिम्मेदार हैं।

शीला ने कहा, यह उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच का झगड़ा है, और उन्हें इसका हल निकालना चाहिए। अगर केंद्र सरकार इसमें हस्तक्षेप करना चाहती है तो गृह मंत्रालय इसमें हस्तक्षेप कर सकता है। झगड़ा किस लिए है, यह भी शीला दीक्षित को पता है, लेकिन दिल्ली के प्रशानिक प्रमुख उपराज्यपाल को गतिरोध के लिए जिम्मेदार न ठहराना उनकी राजनीतिक विवशता है।  उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में केजरीवाल और उनके कैबिनेट सहयोगियों का धरना शुक्रवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया। वहीं स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अनशन का यह क्रमश: तीसरा और दूसरा दिन है। भाजपा के नेता भी दिल्ली सचिवालय में केजरीवाल के धरने के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं।


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