पटना, 26 जुलाई (वीएनआई)| राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (युनाइटेड) ने बिहार महागठबंधन में उपजे विवाद के बीच अलग-अलग विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी के विधायक और विधान पार्षद हिस्सा लेंगे।
इन दोनों पार्टियों की अलग-अलग बुलाई गई बैठक को सियासी हलकों में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बैठक में विधानसभा के मानसून सत्र के साथ ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के मामले को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है, हालांकि इसे लेकर कोई भी दल खुलकर कुछ नहीं बोल रहा। जद (यू) के वरिष्ठ नेता और बिहार के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि जद (यू) विधानमंडल दल की बैठक आज शाम पांच बजे बुलाई गई है, इस बैठक में पार्टी के विधायक और विधानपार्षद हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा के सत्र के पहले इस तरह की बैठक बुलाने की पुरानी परंपरा रही है। तेजस्वी के मसले को लेकर चर्चा के विषय में उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। सियासी हलकों में चर्चा है कि शुक्रवार को विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजस्वी को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। लालू और नीतीश के बीच कई दिनों से बात भी नहीं हुई है।
इधर, राजद ने भी बुधवार को दोपहर में विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है। राजद के एक नेता ने बताया कि बुधवार को 12़ 30 बजे से शुरू होने जा रही इस बैठक में सभी विधायकों और विधानपार्षदों की उपस्थिति अनिवार्य है। बैठक में आगामी 28 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों के प्रश्नों से निपटने की तैयारी को लेकर चर्चा होगी। महागठबंधन के दो दलों राजद और जद (यू) में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद को लेकर चल रहे विवाद के बीच विपक्षी पार्टी भाजपा ने सदन नहीं चलने देने की चेतावनी दी है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि तेजस्वी के मुद्दे को लेकर आगामी 28 जुलाई से शुरू होने वाले विधानमंडल सत्र को चलने नहीं दिया जाएगा ।
सूत्रों का मानना है कि दोनों पार्टियों की अलग-अलग बुलाई गई बैठक में तेजस्वी के मामले को लेकर भी चर्चा होने की पूरी संभावना है। ऐसे में इन बैठकों को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने लालू प्रसाद और बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं उनके बेटे तेजस्वी यादव सहित उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने सात जुलाई को पटना सहित देशभर के 12 स्थानों पर छापेमारी की थी। यह मामला वर्ष 2004 का है, जब लालू प्रसाद देश के रेल मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने रेलवे के दो होटल को एक निजी कंपनी को लीज पर दिलाया और इसके बदले में उन्हें पटना में तीन एकड़ जमीन दी गई। भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जद (यू) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बेदाग छवि का हवाला देते हुए तेजस्वी से जनता के सामने आरोपों पर तथ्यों के साथ सफाई देने की मांग रखी है। इसे लेकर दोनों दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इधर, राजद स्पष्ट कर चुका है कि सभी आरोपों का जवाब सही समय पर और सही जगह पर दिया जाएगा।
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