नई दिल्ली, 5 जनवरी (वीएनआई)| संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम आज राज्यसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र के दौरान 13 बैठकें हुईं और सदन में नौ सरकारी विधेयक पारित हुए और 19 निजी सदस्य विधयेक पेश किए गए। इसके अलावा, रोजगार सृजन और दिल्ली में वायु प्रदूषण के मसलों पर चर्चा हुई। चार दिन शून्यकाल हुए। साथ ही, 46 तारांकित प्रश्नों के मौखिक जवाब दिए गए। 51 सदस्यों ने शून्यकाल के दौरान अपनी बात रखी और 50 सदस्यों ने अति महत्वपूर्ण विषयों पर विशेष रूप से सदन का ध्यान आकर्षित किया।
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि हालांकि उच्च सदन में सार्थक कामकाज हो पाया, लेकिन जो कुछ हुआ उससे भी बेहतर हो सकता था।नायडू ने कहा, शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन हम सभी को इस बात की समीक्षा करने, स्मरण करने और आत्मचिंतन करने का अवसर प्रदान करता है कि हमने किस प्रकार सदन की कार्यवाही संचालित की है। उन्होंने कहा, "यह गंभीर बेचैनी का विषय है कि सदन के कामकाज के 41 घंटे में से 34 घंटे बेकार चला गया। बतौर सभापति नायडू का यह पहला पूर्ण सत्र था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संसद दरअसल राजनीतिक संस्था है, लेकिन यह खास अर्थ में राजनीति का उस तरह से विस्तार नहीं बन सकता है, जिससे गंभीर मतभेद व कटुता प्रदर्शित हो। उन्होंने कहा, राष्ट्र के उन साझे सामाजिक व आर्थिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए संसद महत्वपूर्ण संस्था है, जिनसे नागरिकों की आकांक्षाओं की पूर्ति होती है।
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