हैम्बर्ग, 23 अगस्त, (वीएनआई) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने जर्मनी दौरे पर बीते बुधवार को कहा कि संसद में जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाया था तो उनकी ही पार्टी के कुछ सदस्यों को यह पसंद नहीं आया था।
राहुल गाँधी ने जर्मनी के हैम्बर्ग में अपने संबोधन में कहा कि नफरत का जवाब नफरत से देना बिल्कुल ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, 'समस्या का समाधान करने के लिये आपको उसे स्वीकार करना होगा।' राहुल गांधी ने संसद में पिछले महीने मोदी सरकार पर तीखे हमले करने के बाद प्रधानमंत्री को गले लगाने के वाकये का उल्लेख करते हुए कहा, 'जब संसद में मैंने प्रधनमंत्री मोदी को गले लगाया तो मेरी पार्टी के भीतर कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया।'
राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी को गले लगाने का जिक्र करते हुए कहा, अहिंसा भारत के इतिहास का मूल मंत्र रहा है। यही भारतीय होने का अहसास है। अगर कोई आपसे नफरत करता है तो यह उसकी प्रतिक्रिया है। नफरत का जवाब नफरत से देना बेवकूफी भरा है। इससे समस्या का समाधान नहीं होने वाला है। यह कैसे नियंत्रित होगा, यह सिर्फ आपके जवाब पर निर्भर करता है।' राहुल ने कहा, मैं उन्हें कहना चाहता था कि दुनिया में सिर्फ बुरे लोग नहीं हैं। बहुत से लोग स्नेह में भरोसा रखते हैं। यह उन्हें पसंद नहीं आया...'' अपने दिवंगत पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों के बारे में उन्होंने कहा, 'जब मैंने श्रीलंका में अपने पिता के हत्यारे को मृत पड़ा देखा तो मुझे अच्छा नहीं लगा। मैंने उसमें उसके रोते हुए बच्चों को देखा।
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