नई दिल्ली, 09 अप्रैल, (वीएनआई) दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद से शाही इमाम इस बार लोकसभा चुनावो के लिए किसी भी राजनीतिक पार्टी को समर्थन देने का कोई ऐलान नहीं करेंगे।
शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि वे लोकसभा चुनाव 2019 में किसी भी राजनीतिक पार्टी को समर्थन नहीं देंगे और ना ही किसी भी राजनीतिक पार्टी के पक्ष में मतदान की अपील करेंगे। इमाम ने कहा कि 'मुस्लिमों को इस बात पर गौर करना होगा कि करीब-करीब कोई भी राजनीतिक पार्टी उनकी अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरीं हैं। राजनीतिक पार्टियों की ओर से कई बयान, घोषणा और दावे किए गए लेकिन जब लागू करने की बात आई तो सबने हताश किया है। मुस्लिमों के साथ अन्याय की कहानियां बहुत पुरानी हैं। मुस्लिमों की वक्फ भूमि पर, उनकी निजी जिंदगी की सुरक्षा, संपत्तियों और देश में स्थिति, अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से अलग-अलग वक्त में महज कागजों पर ही सारी बाते रहीं।
शाही इमाम ने आगे सच्चर कमेटी की सिफारिशों का जिक्र करते हुएकहा कि, राजानीतिक, आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक रूप से सबसे पिछड़ा अल्पसंख्यक मुस्लिम ही है। राजनीतिक दलों ने वादे किए कि, सामाजिक संरक्षण मुस्लिमों को दिया जाएगा लेकिन ऐसा कुछ मुस्लिमों के लिए किया नहीं गया। उन्होंने कहा, 'देश में बढ़ता धार्मिक उन्माद और कट्टरता हमारे देश के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। एक सभ्य समाज में ऐसी परिस्थितियां खतरनाक और चिंतनीय हैं। वहीं कश्मीर को लेकर इमाम ने कहा कि, कश्मीर आज बारुद के ढेर पर है और कश्मीरी जनता को मुख्यधारा में लाने की कोई भी स्पष्ट नीति नजर नहीं आ रही है। गौरतलब है अक्सर चुनावों से पहले दिल्ली की जामा मस्जिद से शाही इमाम देश के मुस्लिम मतदाताओं से किसी ना किसी पार्टी को या किसी खास मुद्दे पर वोट देने या नहीं देने की अपील जारी करते थे।
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