नई दिल्ली, 17 दिसंबर, (वीएनआई) देश के कई इलाकों में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्षी दलों के राष्ट्रपति से मुलाकात कर ऐक्ट को वापस लेने की अपील पर कहा कि मोदी सरकार इस ऐक्ट को वापस नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल जो करना चाहें कर लें, लेकिन इसे वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल इस मसले पर हिंदू और मुस्लिम में भेद पैदा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के गलत प्रचार के चलते भ्रांति पैदा हुई है। संशोधित ऐक्ट के तहत किसी की नागरिकता वापस लेने का नहीं बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है।
अमित शाह ने आगे कहा कि नेहरू-लियाकत समझौते में कहा गया था कि दोनों देश अपने-अपने अल्पसंख्यकों की रक्षा करेंगे। लेकिन, बांग्लादेश, पाकिस्तान में ऐसा नहीं हुआ। इसके अलावा अफगानिस्तान समेत तीनों देशों का राजकीय धर्म इस्लाम है, ऐसे में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न होता है। उनके लिए कानून बनाया तो गलत क्या है। अमित शाह ने आगे विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा कि क्या आप कानून हाथ में लेंगे। बाइक से पेट्रोल निकालकर बस में आप लगाएंगे? यदि सभी लोग स्टूडेंट ही थे तो फिर अंदर से पत्थर कौन बरसा रहा था। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी समेत तमाम दलों ने इस भ्रम फैलाने का काम किया है।
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