नई दिल्ली, 31 अक्टूबर | हिमाचल प्रदेश का 2017 का विधानसभा चुनाव कई मायनों में खास रहने वाला है। सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के दो दिग्गज नेताओं - वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल ने इन चुनाव में अपनी पारपंरिक सीट छोड़कर दूसरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वीरभद्र सिंह अर्की से तो प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर से चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र की सुजानपुर विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। 2012 विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र के अंदर 65,006 मतदाता थे। अस्तित्व में आने के बाद इस सीट पर राज्य की दोनों बड़ी पार्टियां कब्जा जमाने में नाकाम रही थी। इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार राजिंदर सिंह ने 14,166 मतों से जीत हासिल कर दोनों खेमों में खलबली मचा दी थी, लेकिन इस बार भाजपा के दिग्गज नेता और दो बार के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने सुजानपुर विधानसभा से नामांकन दाखिल कर कांग्रेस और मौजूदा विधायक की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
भाजपा के दिग्गज नेता प्रेम कुमार धूमल वर्ष 1998-2003, 2007-2012 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। साथ ही प्रदेशाध्यक्ष के रूप में भाजपा की कमान भी संभाल चुके हैं। इससे पहले वह पार्टी के गढ़ हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं भाजपा उम्मीदवार के सामने कांग्रेस के रजिंदर राणा चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। राणा पहले भाजपा इकाई का हिस्सा थे, लेकिन लोकसभा चुनाव के वक्त उन्होंने भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। सुजनापुर विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रेम कुमार धूमल, कांग्रेस के रजिंदर राणा, बसपा के प्रवीण ठाकुर और माकपा के जोगिदर कुमार ठाकुर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 9 नवंबर को होने वाले चुनाव में मतदाताओं का रुख किस ओर पलटता है, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन धूमल ने इस जंग में शामिल होकर सुजानपुर सीट को एक महत्वपूर्ण सीट में तब्दील कर दिया है।
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