चेन्नई, 18 जनवरी, (वीएनआई) द्रविड मुन्नेत्र कजगम ने आज मोदी सरकार द्वारा गरीब सवर्णों को आरक्षण के फैसले को मद्रास हाई कोर्ट में चुनौती दी है। डीएमके ने गरीब सवर्णों के आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन को चुनौती दी है।
मोदी सरकार ने आगामी लोकसभा चुनाव से महज कुछ महीने पहले जिस तरह से गरीब सवर्णों को आरक्षण का दांव खेला उसके बाद लगातार तमाम राजीनीतिक अपने-अपने तरीके से इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी दल डीएमके ने आज सरकार के फैसले को मद्रास हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। इस याचिका को डीएमके के संयोजक सचिव आरएस भारती ने दायर किया है।
गौरतलब है कि इससे पहले डीएमके ने संसद में गरीब सवर्ण आरक्षण बिल का विरोध किया था और बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की थी। लेकिन संसद में बिल के पास होने के बाद पार्टी ने इसे कोर्ट में चुनौती दी है। वहीं डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने भी इस बिल का विरोध किया और उनका कहना है कि आरक्षण आर्थिक आधार पर नहीं बल्कि सामाजाजिक पिछड़ेपन के आधार पर दिया जाना चाहिए।
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