चेन्नई, 1 सितम्बर (वीएनआई)| एआईएडीएमके के उप महासचिव टी.टी.वी. दिनाकरन ने आज पार्टी सदस्यों से पार्टी के उन दोनों गुटों द्वारा 12 सितंबर को बुलाई गई महापरिषद और कार्यकारी समिति की बैठकों में शामिल नहीं होने को कहा है, जिनका विलय हो चुका है।
दिनाकरन ने एक बयान में कहा कि जब पार्टी के 20 प्रतिशत सदस्य लिखित में दें, तभी महापरिषद की बैठक बुलाई जा सकती है। दिनाकरन के मुताबिक, इस समय जेल में बंद महासचिव वी.के. शशिकला को ही महापरिषद और कार्यकारी समिति की बैठक बुलाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि पलनीस्वामी और पन्नीरसेल्वम द्वारा 12 सितंबर को बुलाई गई बैठकें अवैध हैं। दिनाकरन ने पार्टी सदस्यों से बैठकों में शामिल न होने का आग्रह करते हुए साथ ही चेतावनी दी कि बैठक में शामिल होने वालों के खिलाफ 'कड़ी कार्रवाई' की जाएगी। पिछले साल दिसंबर में मुख्यमंत्री और महासचिव जे. जयललिता के निधन के बाद उनकी करीबी सहयोगी शशिकला को अंतरिम महासचिव चुना गया था।
शशिकला ने भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जाने से पूर्व अपने भतीजे दिनाकरन को पार्टी उप महासचिव नियुक्त किया था। बाद में, पलनीस्वामी और उनके गुट ने खुद को दिनाकरन से दूर करना शुरू कर दिया। उन्होंने साथ ही पार्टी पद पर दिनाकरन की नियुक्ति को भी अवैध घोषित कर दिया। विलय के बाद गुट ने 12 सितंबर की बैठक मुख्यतौर पर शशिकला को पार्टी पद से हटाने के लिए बुलाई है।
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