नई दिल्ली, 29 अगस्त (वीएनआई)| एआईएडीएमके के दिनाकरन गुट ने आज निर्वाचन आयोग के समक्ष एक कैविएट दाखिल किया ताकि हाल में ई.के.पलनीस्वामी व ओ.पन्नीरसेल्वम गुटों के विलय के बाद इनके द्वारा जमा की गई किसी भी याचिका पर कोई फैसला लेने से पहले निर्वाचन आयोग उसका पक्ष भी सुने।
कर्नाटक की एआईएडीएमके इकाई के प्रमुख पुगाझेनडी व नमक्कल जिले के सचिव व पूर्व सांसद अनबझगन ने इन मीडिया रिपोर्ट के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के समक्ष यह याचिका दाखिल की है कि इसके विरोधी गुट अपने पहले के दाखिल हलफनामा को वापस लेंगे, जिसके कारण इस साल की शुरुआत में 'दो पत्ती' चुनाव चिन्ह को जब्त कर लिया गया था। दिनाकरन गुट द्वारा आज दाखिल केविएट में कहा गया है कि इस मामले में एआईएडीएमके (अम्मा) गुट से महासचिव वी.के.शशिकला व उप महासचिव टी.टी.वी. दिनाकरन को सुना जाना चाहिए।
जे.जयललिता के निधन के बाद प्रतिद्वंद्वी गुटों ने निर्वाचन आयोग से संपर्क कर अप्रैल में होने वाले आर.के.नगर विधानसभा उप चुनाव के लिए दो पत्ती चुनाव चिन्ह की मांग की थी। इस चुनाव में नतीजों को प्रभावित करने के लिए धन का इस्तेमाल करने के आरोपों के बाद इसे रद्द कर दिया गया था। इस उप चुनाव में पन्नीरसेल्वम गुट को एआईएडीएमके (पुराची थैलीवी अम्मा) व दिनाकरन गुट को एआईएडीएमके (अम्मा) के रूप में मान्यता दी गई थी। दिनाकरन ने एआईएडीएमके (अम्मा) के उम्मीदवार के तौर इसमें चुनाव लड़ा था।
हालांकि, एक नाटकीय घटनाक्रम में पलनीस्वामी और पन्नीरसेल्वम गुटों ने बीते सप्ताह शशिकला व दिनाकरन के पार्टी महासचिव व उप महासचिव के नामांकन को अवैध करार देते हुए आपस में विलय कर लिया। यह दोनों गुट जल्द ही निर्वाचन आयोग से अपने पूर्व के हलफनामों को वापस लेने की बात कहते हुए विलय का दावा कर सकते हैं और पार्टी में एकता की बात दर्ज करा सकते हैं। वे 'दो पत्ती' चुनाव चिन्ह को विलय हुए एआईएडीएमके के गुट को देने की मांग कर सकते हैं।
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