डेरेक ओ ब्रायन ने कहा शीतकालीन सत्र में देरी सरकार के रक्षात्मक रवैये का सबूत

By Shobhna Jain | Posted on 1st Dec 2017 | राजनीति
altimg

नई दिल्ली, 1 दिसम्बर (वीएनआई)| तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन का कहना है कि शीतकालीन सत्र में देरी का फैसला सरकार के रक्षात्मक रवैये को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दो महीने से रक्षात्मक मोड में है जो विपक्ष के लिए अच्छा है। 

ओ ब्रायन ने एक साक्षात्कार में कहा, पिछले साढ़े तीन साल में पहली दफा पेट्रोल की कीमतों में कमी एक रक्षात्मक कदम है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में करीब 150 चीजों के दामों में कमी एक रक्षात्मक कदम है। जिस तरीके से वे संसद सत्र की तारीख तय कर रहे हैं, सही अर्थो में संसद 15 दिसम्बर से शुरू होने वाली नहीं है, यह 18 दिसम्बर से ही संभव है क्योंकि 16-17 दिसम्बर सप्ताह के अंत में है और सदन का पहला दिन दिवंगत सदस्यों की श्रद्धांजलि के नाम रहेगा। यह तीनों ही रक्षात्मक कदम हैं और यह विपक्ष के लिए एक अच्छी खबर है। शीतकालीन सत्र सामान्य तौर पर नवंबर के आखिरी सप्ताह में बुलाया जाता है और क्रिसमस से पहले समाप्त कर दिया जाता है। सत्र करीब एक महीने का रहता है। इस वर्ष, संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से लेकर 5 जनवरी के बीच आयोजित किया जाएगा। इस बीच क्रिसमस के कारण 25 और 26 दिसम्बर को राष्ट्रीय अवकाश रहेगा।

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता ओ ब्रायन ने कहा कि अगले महीने होने वाली महत्वपूर्ण विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की उस मंत्रीस्तरीय बैठक को लेकर दोनों सदनों में चर्चा का अवसर नहीं रहेगा जो देश में 'कृषि संकट' के लिए काफी मायने रखती है। उन्होंने कहा कि ब्यूनस आयर्स में होने वाली डब्ल्यूटीओ बैठक शीतकालीन सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले 14 दिसंबर को समाप्त हो जाएगी। ओ ब्रायन ने कहा, "जो भी फैसले डब्ल्यूटीओ में लिए जाएंगे, सदन के पास उनके ऊपर चर्चा करने का कोई मौका नहीं होगा। डब्ल्यूटीओ समझौते में कुछ उपनियम हैं जिनपर सदन के अंदर चर्चा करने की जरूरत है। यह एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा नए खरीद कार्यक्रम को शुरू करने पर विश्व व्यापार संगठन ने नियमों के तहत प्रतिबंध लगा दिया गया था। सरकार ने फसल के मूल्य के 10 प्रतिशत से अधिक की खरीद की थी और इस समस्या के लिए आगामी विश्व व्यापार संगठन की मंत्रीस्तरीय बैठक में स्थायी समाधान ढूंढने की मांग की गई थी।

ओ ब्रायन ने कहा, "लेकिन, सरकार अब कह रही है कि वह इस समस्या के स्थायी समाधान पर जोर नहीं देगी। वे (वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु) 2013 के अंतरिम 'शांति अवधि' पर निर्भर हैं। लेकिन यह शांति खंड केवल 2013 में मौजूद खरीद कार्यक्रमों की सुरक्षा करता है, न कि नए कार्यक्रमों की। इस कारण भारत में चल रहे कृषि संकट को हल करने की हमारी क्षमता कम हो जाएगी। उन्होंने सरकार द्वारा क्रिसमस सत्र के दौरान शीतकालीन सत्र बुलाने पर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि यह लोग तय करेंगे कि शीतकालीन सत्र को इस वक्त बुलाने का सरकार का फैसला सही है या नहीं।  उन्होंने कहा, "अगर प्रधानमंत्री और भाजपा अब क्रिसमस के दिन सदन को बुलाते हैं तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं वहां जाऊंगा क्योंकि अगर मैं यह कहना शुरू कर दूं कि मैं नहीं जाऊंगा तो वे इसे मुद्दा बनाएंगे। मैं उन्हें ध्रुवीकरण का फायदा लेने की इजाजत नहीं दे सकता। मैं 24 दिसम्बर की रात को चर्च जाऊंगा और आऊंगा। मैं अपनी मां को रात में शुभकामनाएं दूंगा। ओ ब्रायन ने बताया, सबसे जरूरी बात यह कि लोगों को तय करना है कि सदन को सही समय पर बुलाया जा रहा है या नहीं। लोग जानते हैं, वे समझदार हैं। उन्होंने कहा, "ईमानदारी से बताइये, भूल जाइए कि मैं ईसाई हूं, आप हिंदू हैं, वह मुसलमान है। भारत में कोई भी पर्व-दिवाली, होली, ईद, कोई भी पर्व, अपने आप में एक हफ्ते तक चलने वाला जश्न होता है।


Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Thought of the Day:
Posted on 22nd Dec 2024
Thought of the Day
Posted on 21st Dec 2024

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india