नई दिल्ली, 30 जनवरी (वीएनआई)| आम आदमी पार्टी के आठ विधायकों द्वारा लाभ का पद धारण करने के मामले में अयोग्य करार दिए जाने को चुनौती देती याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज निर्वाचन आयोग से विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति चंद्र शेखर की खंडपीठ ने निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी के लिए निर्धारित कर दी। अदालत ने रिक्त हुई सीटों पर उपचुनाव की घोषणा करने से ईसी पर रोक लगाने के अपने अंतरिम आदेश को भी आगे बढ़ा दिया। अयोग्य करार दिए गए विधायकों ने बीते सप्ताह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। विधायकों के वकील ने तर्क दिया कि यह अधिसूचना "स्वाभाविक रूप से न्याय का घोर उल्लंघन है क्योंकि निर्वाचन आयोग ने मामले में अत्यधिक जल्दबाजी में और याचिकाकर्ताओं को निष्पक्ष सुनवाई का अवसर दिए बिना ही इस मामले में फैसला ले लिया।"
निर्वाचन आयोग द्वारा आप विधायकों को अयोग्य ठहराने की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से की गई अनुशंसा के बाद कानून व न्याय मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर दी थी कि राष्ट्रपति ने आप के 20 विधायकों को अयोग्य करार देने को मंजूरी दे दी है। अयोग्य करार दिए गए विधायकों में अलका लांबा, आदर्श शास्त्री, संजीव झा, राजेश गुप्ता, कैलाश गहलोत, विजेंद्र गर्ग, प्रवीन कुमार, शरद कुमार, मदन लाल खुफिया, शिव चरण गोयल, सरिता सिंह, नरेश यादव, राजेश ऋषि, अनिल कुमार, सोम दत्त, अवतार सिंह, सुखवीर सिंह डाला, मनोज कुमार, नीतिन त्यागी और जरनैल सिंह शामिल हैं।
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