नई दिल्ली, 17 जनवरी (वीएनआई)| माकपा ने अचानक हज सब्सिडी खत्म करने पर सरकार की आलोचना की है। पार्टी ने याद दिलाया कि सर्वोच्च न्यायालय ने 2012 में अपने फैसले में कहा था कि इसे हटाने की प्रक्रिया 10 साल की अवधि में चरणबद्ध तरीके से होनी चाहिए।
माकपा ने अपने बयान में कहा, अचानक से सब्सिडी खत्म करना दिखाता है कि यह फैसला मनमाना और अन्य कारणों से प्रेरित है। बयान में यह भी साफ किया गया है, राज्य के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत के अनुसार, माकपा किसी भी धर्म से संबंधित किसी भी शख्स की धार्मिक यात्रा में वित्तीय मदद के पक्ष में नहीं है। बयान में कहा गया है, इसलिए, जैसा आज हो रहा है वह नहीं होना चाहिए..किसी भी धार्मिक यात्रा के लिए किसी व्यक्ति को केंद्र या राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी या कोई भी वित्तीय मदद नहीं दी जानी चाहिए।
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