नई दिल्ली, 21 नवंबर (वीएनआई)| कांग्रेस ने आज केंद्र सरकार पर जान बूझकर संसद के शीतकालीन सत्र में देरी करने का आरोप लगाया। कांग्रेस का कहना है कि सरकार विपक्ष के सवालों से बचने की कोशिश कर रही है जो गुजरात विधानसभा में उसकी संभावनओं को हानि पहुंचा सकते हैं।
कांग्रेस ने कहा, वे नहीं चाहते कि संसद में चर्चा हो, इसलिए शीतकालीन सत्र को टालने के लिए विभिन्न तरह के बहाने बना रहे हैं। पार्टी ने कहा, अगर वे संसद सत्र आहूत करते हैं और चर्चा के लिए आते हैं तो सबके सामने बेपर्दा हो जाएंगे। संसद में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा, वे सत्र को गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद बुलाने का प्रयास कर रहे हैं।" इस दौरान पार्टी के दूसरे नेता भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी नरेंद्र मोदी की सरकार में हो रहा है वह 'लोकतंत्र पर हमला' है। उन्होंने कहा, इस सरकार के मंत्रियों और स्पीकर को भी नहीं पता की सत्र कब बुलाया जाएगा। केवल एक शख्स को इस बात की जानकारी है और वह है 'ब्रह्मा'। आप लोकतंत्र को चलाने में मनमौजी नहीं हो सकते।
इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार संसद का सामना करने से शरमा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार जान बूझकर सत्र को टाल रही है ताकि भ्रष्टाचार, रोजगार में नाकामियों और आर्थिक मोर्चे पर अपनी विफलता को छुपाया जा सके। कांग्रेस नेताओं का सरकार पर हमला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा मोदी पर 'कमजोर आधार' पर शातकालीन सत्र को टालने का आरोप लगाने के बाद हुआ है।सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा था कि सरकार ने अपने 'अहंकार' में 'देश के संसदीय लोकतंत्र पर एक अंधेरी छाया बना रखी है'। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सरकार गुजरात चुनाव से पहले सवाल जवाब से बचना चाहती है। उन्होंने एनडीए शासन को चेताया कि वह लोकतंत्र के मंदिर को बंद कर संवैधानिक जवाबदेही से बच नहीं सकता।
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