नई दिल्ली, 09 दिसंबर, (वीएनआई) लोकसभा में आज गृहमंत्री अमित शाह द्वारा पेश किये गए नागरिकता संशोधन बिल 2019 के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई है।
लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल 2019 के पक्ष में 293 मतों पड़े हैं। वहीं इसके विरोध में केवल 82 मत ही पड़े हैं। वहीं इस दौरान सदन में बिल पर काफी हंगामा भी देखा गया। कई विपक्षी दल बिल का विरोध कर रहे हैं। आप के अलावा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और कई अन्य दल भी बिल का विरोध कर रहे हैं। वहीं लोकसभा में इस बिल को आसानी से पारित कराने के बाद सरकार को राज्यसभा में इस बिल को पारित कराने के लिए गैर-एनडीए और गैर-यूपीए दलों पर निर्भर रहना होगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर कहा, आजादी के वक्त अगर कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन न किया होता, तो ये बिल लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। तीन देशों से कोई मुस्लिम सज्जन अगर हमारे कानून के आधार पर आवेदन करता है, तो देश खुले मन से विचार करेगा। लेकिन इस बिल का फायदा उन लोगों को इसलिए नहीं मिल सकता क्योंकि उनके साथ धार्मिक प्रताड़ना नहीं हुई है। उन्होंने आगे कहा कि इन तीनों देशों से धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर जो 6 धर्मों के लोग भारत आए हैं, उन्हें नागरिकता दी जाएगी। तीनों देशों में हिंदू, सिख, पारसी, जैन, ईसाई, बौद्ध इन धर्मों का पालन करने वालों के साथ धार्मिक प्रताड़ना हुई है। जो बिल मैं लेकर आया हूं, वो धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का है। इस बिल में मुसलमानों के हक नहीं छीने गए हैं।
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