राज्यसभा : मायावती ने दलित अत्याचार पर बोलने न दिए जाने पर दी धमकी

By Shobhna Jain | Posted on 18th Jul 2017 | राजनीति
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नई दिल्ली, 18 जुलाई । बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने दलितों पर अत्याचार का मुद्दा राज्यसभा में नहीं उठाने दिए जाने को लेकर मंगलवार को ऊपरी सदन से इस्तीफे की धमकी दी।

राज्यसभा से बाहर आने के बाद मायावती ने संवाददाताओं से कहा, मैं इस सदन में दलितों और पिछड़ों की आवाज बनने और उनके मुद्दे उठाने के लिए आई हूं। लेकिन जब मुझे यहां बोलने ही नहीं दिया जा रहा, तो मैं यहां क्यों रहूं। मायावती ने कहा, इसलिए मैंने आज (मंगलवार) राज्यसभा से इस्तीफा देने का फैसला किया है। मायावती ने कहा, "बाबासाहेब (भीम राव अंबेडकर) को बतौर कानून मंत्री हिदू कोड बिल पेश करने नहीं दिया गया था और उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया गया था, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया। मैं उनकी शिष्या हूं, इसलिए मैं इस्तीफा दे रही हूं, क्योंकि मुझे भी सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा।

मायावती ने शून्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में दलितों पर हुए अत्याचारों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया, मगर उन्हें बोलने के लिए सिर्फ तीन मिनट का समय दिया गया। इससे पहले उन्होंने सदन में कहा, "केंद्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आने के बाद पूरे देश में, खासतौर पर भाजपा शासित राज्यों में 'जातिवाद और पूंजीवाद' बढ़ गया है। बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि दलितों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने इस मुद्दे पर सदन से ध्यान देने को कहा।

मायावती की टिप्पणियों को लेकर सदन में भारी शोर-शराबा हुआ, जिसके बाद बसपा अध्यक्ष ने धमकी दी कि अगर उन्हें बोलने नहीं दिया गया, तो वह इस्तीफा दे देंगी। इस पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मायावती ने सदन का अपमान किया है और आसन को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि मायावती को माफी मांगनी चाहिए।हंगामा न रुकता देख, उपसभापति पी.जे. कुरियन ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी।--आईएएनएस
 


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