नई दिल्ली, 28 अप्रैल (वीएनआई)। जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की किताब 'बिहार से तिहाड़ तक' का प्रकाशन जगरनॉट बुक्स इस साल के अंत तक हिंदी और अंग्रेजी में एक साथ करेगी।
यह किताब कन्हैया की गांव के स्कूल से लेकर छात्र राजनीति में आने और उसकी विवादित गिरफ्तारी और राजद्रोह के आरोप और उसके बाद की कहानी को बयान करेगी। डिजिटल पब्लिशिंग हाउस जगरनेट के मुताबिक इस किताब में यह भी बताया जाएगा कि किस प्रकार शिक्षा बहस और सवाल उठाने को प्रोत्साहित करती है और आजकल के युवाओं के दिमाग में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों की समझ विकसित करती है जो भारत के लोकतंत्र की कार्यप्रणाली के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
कन्हैया कुमार ने इस किताब के बारे में कहा कि यह भारतीय समाज के अंतर्विरोधों और एक युवा के संघर्ष को प्रतिबिंबित करेगा। कुमार ने कहा, "भगत सिंह ने कहा था कि किसी व्यक्ति को मारना बहुत आसान है, लेकिन आप विचारों को नहीं मार सकते हैं। मैं नहीं जानता कि हमारा संघर्ष कहां तक जाएगा, लेकिन मैं समझता हूं कि इस किताब के माध्यम से हमारे विचार स्थायी रूप से इतिहास में दर्ज हो जाएंगे। मैं अपने निजी अनुभव के माध्यम से इस देश के युवाओं की उम्मीद, निराशा और संघर्ष के साथ ही भारतीय समाज के अंतर्विरोधों पर लिखना चाहता हूं।"
बिहार के एक गांव में मामूली परिवार में जन्मा यह छात्र नेता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा को लेकर निडर और वाकपटु भाषण के कारण लोगों की नजरों में चढ़ गया। उसे राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और उसने 20 दिन जेल में गुजारे। उसके राजनीतिक प्रतिष्ठान को दी गई निडर चुनौती ने देश में देशभक्ति, राष्ट्रवाद और बौद्धिक स्वतंत्रता पर नई बहस छेड़ दी।
जगरनॉट पब्लिशर के चिकी सरकार ने बताया, "यह हमारे समय की एक निर्णायक किताब होगी। कन्हैया एक ऐसी आवाज है जिसे हर कोई सुनना चाहता है हम जगरनेट से इसे अधिकतम संभव पाठकों तक पहुंचाने में अत्यधिक गर्व का अनुभव कर रहे हैं।"जगरनॉट एप एंड्रायड प्लेटफार्म पर उपलब्ध है और जल्द ही यह आईओएस पर भी उपलब्ध होगा। पब्लिशर द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि जुलाई 2016 में वह अपनी किताबों की सूची जारी करेगी।