सच्चाई को ले कर मंत्री के आगे नही झुकने वाली जुझारू पुलिस अधिकारी संगीता कालिया है,रंग रोगन करने वाले पेंटर की बेटी

By Shobhna Jain | Posted on 28th Nov 2015 | देश
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चंडीगढ़,28 नवंबर( अनुपमा जैन/वीएनआई) एक मंत्री के आगे सच् पर टिके रह कर उसके आगे नही झुकने को ले कर पूरे देश मे रातो रात चर्चित, हरियाणा की पुलिस अधिकारी संगीता कालिया के पिता पुलिस विभाग मे ही पेंटर थे और वह आज उसी कार्यालय की सर्वोच्च पुलिस अधिकारी है जह उसके पिता कभी पेंटर थे.इसी पुलिस कार्यालय मे पिता द्वारा रंगी पोती गई एक दीवार संगीता अपने लिये सबसे गौरवपूर्ण प्रेरणा मानती है, संगीता के पिता धर्मपाल 2010 मे पुलिस की नौकरी से रिटायर हो गये थे संगीता उसी साल आए पी एस बनी थी उन्होने दिलेर, प्रतिभाशाली और संवेदनशील अपनी बेटी संगीता को शुरू से ही पुलिस मे अधिकारी बनने के लिये प्रेरित किया, उनका सपना था कि संगीता एक दिन इसी जिले मे पुलिस अधीक्षक बने, संगीता आज इसी जिली की पुलिस अधीक्षक है.2009 बैच की आईपीएस अधिकारी संगीता का किशोर मन पिता कि इस सीख से प्रेरित हुआ कि ्पुलिस की ताकत समाज मे सकारात्मक बदलाव मे सक्षम है, लगभग दो दशक पूर्व और एक महिला पुलिस अधिकारी के हौसले की उड़ा से पर बने टीवी सीरियल'उड़ान' मे कविता चौधरी द्वारा निभाये गये एक युवा साहसी महिला पुलिस अधिकारी के किरदार जो व्यवस्था से टक्कर लेकर समाज मे बदलाव लेकर निरंतर संघर्षरत रही, से प्रेरणा लेने वाली संगीता शुरु से ही पुलिस की नौकरी से प्रभावित रही है और बेहद जुझारू माने जाने वाली संगीता शुरू से समाज सेवा से भी जुड़ी रही है. दरअसल मंत्री जी और महिला एसपी के बीच टकराव तब हुआ जब हरियाणा के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज जब फतेहाबाद मे जन शिकायत निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने फतेहाबाद की पुलिस अधीक्षक आईपीएस संगीता कालिया संगीता से पूछा था कि पंजाब की सीमा से लगे इलाकों में शराब की तस्करी रोकने के लिए पुलिस क्या कर रही है। अफसर के जवाब से वह संतुष्ट नहीं दिखे। संगीता ने मंत्री को जवाब दिया था, 'हम कार्रवाई कर रहे हैं। हमने ढाई हजार मामले दर्ज किए हैं। इनमें से कई लोग जमानत पर बाहर आ गए और फिर से तस्करी में लग गए हैं, शराब की दुकानो के लाईसेंस तो सरकार ही देती है अलबत्ता हम उसे रोकने की कौशिश कर रहे है।' लेकिन, विज पुलिस अफसर से इस बात पर बहस करते रहे और पूछते रहे कि वह और कार्रवाई क्यों नहीं कर रही हैं। उनकी बात से यह लग रहा था कि कार्रवाई नहीं किए जाने की जिम्मेदार महिला एसपी हैं। संगाती ने इस पर आपत्ति जताई तो विज ने उनसे बैठक से निकल जाने को कहा।उन्होंने अफसर से कहा 'गेट आउट'। पुलिस अफसर ने बैठक से बाहर जाने से मना कर दिया औरकहा, 'मैं नहीं जाऊंगी। आप इस तरह से मेरा अपमान नहीं कर सकते। और खुद विज को झुंझला कर बैठक से जाना पड़ा। प्राप्त खबरो के अनुसार उपायुक्त एन.के. सोलंकी और जिले के अन्य अफसर बैठक में मौजूद थे लेकिन किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया। विज ने नाराजगी में बैठक छोड़ दी और बाद में कहा कि जब तक महिला अफसर (संगीता) तैनात हैं, वह फतेहाबाद नहीं आएंगे। बाद मे मंत्री जी ने मीडिया से कहा, ''जब तक वह यहां की पुलिस अधीक्षक हैं, मैं यहां नहीं आऊंगा। मैं मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत करूंगा। मैंने दो-तीन बार मामला उठाया लेकिन उनका रवैया बहुत लापरवाह था। संगीता की स्कूली शिक्षा और ग्रेजुएशन भिवानी मे हुई बाद मे उसने अर्थ शास्त्र मे एम ए किया, वह तीसरी बार आई पी एस मे पास हुई उससे पहले वह रेलवे की अखिल भारतीय सेवा मे उतीर्ण हुई लेकिन उसका ध्यान पुलिस अधिकारी बनने पर था और वह नौकारी उसने ज्वायन नही की.और आखिरकार उसने पुलिस अधिकारी बनने का अपना सपना सच कर ही लिया.वी एन आई

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