नई दिल्ली 12 अगस्त (वीएनआई) टेलीफोन एक्सचेंज मामले में फंसे पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को स्थगन जारी करते हुए मारन की अंतरिम जमानत मंजूर करने के साथ ही उनकी गिरफ्तारी पर भी 14 सितंबर तक के लिए रोक लगा दी है। इसके अलावा न्यायालय ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए मारन की याचिका पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा सोमवार को अपनी अग्रिम जमानत रद्द किए जाने को चुनौती दी है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई की आलोचना करते हुए कहा कि इसने उत्तर प्रदेश में 8,000 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है, लेकिन करीब दो करोड़ रुपये के बकाया बिल के मामले में वह मारन को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की मांग कर रही है।
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सर्वोच्च न्यायालय में मद्रास हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें तीन दिनों के भीतर सीबीआई के सामने समर्पण करने के लिए कहा गया था। फैसले के बाद मारन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां उन्हें बड़ी राहत मिली है।
सनद रहे पूर्व केंद्रीय दयानिधि मारन पर सीबीआई ने आरोप लगाया है कि उन्होंने गैरकानूनी तरीके से चेन्नई में मौजूद अपने घर में टेलिफोन एक्सचेंज बनवाया था। सीबीआई के मुताबिक मारन बड़ी तादाद में डेटा ट्रांसफर करने वाले सैकड़ों केबल का इस्तेमाल कर सन टीवी को फायदा पहुंचा रहे थे। दयानिधि के भाई कलानिधि मारन सन टीवी के मालिक हैं। जुलाई में दयानिधि से दिल्ली में सीबीआई ने पूछताछ की थी।