नई दिल्ली 11 अगस्त (वीएनआई) सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा गया है कि सरकार की लोक कल्याण योजनाओं के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड का इस्तेमाल पीडीएस और एलपीजी सब्सिडी के अलावा किसी और उद्देश्य के लिए नहीं होगा. कोर्ट ने साफ कहा कि इन दोनों उद्देश्यों के लिए भी आधार कार्ड का इस्तेमाल ज़रूरी नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि आधार कार्ड की जानकारी सरकारी संस्थाएँ एक-दूसरी के साथ साझा नहीं करेंगी, इससे पहले आधार कार्ड योजना को चुनौती देने वाली इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ के पास भेजने का आदेश दिया था. याचिकाकर्ताओं ने इस योजना को प्राइवेसी के मौलिक अधिकार के विरुद्ध बताया था.न्यायालय ने फिर कहा है कि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ हासिल करने के लिए आधार कार्ड होना जरूरी नहीं है। न्यायालय ने यही आदेश 2013 में भी दिया था।
न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को यह कहते हुए संविधान पीठ को सौंपा कि योजना में 'कई साफ दिखने और अब तक नहीं सुलझने वाले मुद्दे' मौजूद हैं।
न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अनाज, केरोसिन और एलपीजी जैसे सामानों के वितरण के लिए आधार को एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन किसी भी स्थिति में प्रशान इसे अनिवार्य रूप से पास रखने के लिए नहीं कह सकता। सरकार का तर्क था कि प्राइवेसी का अधिकार, मौलिक अधिकार नहीं है. सरकार के अनुसार, संविधान व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के साथ जीने का अधिकार देता है और सुप्रीम कोर्ट के कुछ फ़ैसलों में प्राइवेसी को अलग से मौलिक अधिकार नहीं बताया गया है.