नयी दिल्ली 10 नवंबर (जे सुनील,वीएनआई) बॉलीवुड अभिनेता एवं भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का मानना है कि अगर उनकी पार्टी बिहार में मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर उन्हें पेश करती तो शायद चुनाव परिणाम अलग हो सकते थे.अपनी पार्टी द्वारा हाशिये पर डाले जाने, विशेष तौर पर बिहार चुनाव के दौरान पूरी तरह से उपेक्षा किये जाने से आहत शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा नेतृत्व खासकर राज्य इकाई के मुखर आलोचक रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके खिलाफ पार्टी द्वारा किसी कार्रवाई पर विचार किया रहा है.उन्होने कहा' अगर पार्टी की तरफ से ऐसी कोई कार्यवाही होती भी है तो वे किसी का हाथ ऐसा करने से रोक तो नही सकते है' लेकिन उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि वह पार्टी के शत्रु हैं. उन्होने चुनाव नतीजो के बाद कल नीतीश कुमार व राजग अध्यक्ष लालू प्रसाद से भी मुलाकात कर बिहार मे चुनाव नतीजो पर उन्हे बधाई दी. बाद मे श्री नीतिश कुमार के निवास पर संवाददाताओं से उन्होने कहा, भाजपा की हार के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भले ही कार्रवाई नहीं की जाए, लेकिन उन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए. उन्होने कहा' भाजपा की शर्मनाक हार के लिए जो जिम्मेदार हैं, उन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए.'
इंडिया टीवी की विज्ञप्ति के अनुसार चैनल के कार्यक्रम ‘आप की अदालत' में भाजपा सांसद और अभिनेता सिन्हा ने कहा' मैं शेखी नहीं बघार रहा, लेकिन मुझे लगता है कि जब बिहारी जनता के लाडले, धरतीपुत्र और मूल रुप से बिहारी बाबू को जानबूझकर दरकिनार कर दिया गया तो निश्चित रुप से मेरे समर्थकों और प्रशंसकों पर असर पड़ा. उन्होंने कहा, मैं यह नहीं बता सकता कि कितना फर्क पड़ता लेकिन यह निश्चित रुप से कह सकता हूं कि अंतर तो आता. हमें निश्चित रुप से और अधिक सीटें मिल सकती थीं.'यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव के दौरान उनके आलोचनात्मक बयानों को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई पर पार्टी विचार कर रही है, सिन्हा ने कहा' मुझे जानकारी नहीं है, मैं नहीं समझता कि मैंने ऐसा कुछ किया है जिसके लिए मेरे खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन, अगर कोई कार्रवाई करना चाहता है, मैं इसे रोक नहीं सकता.' जब एक संवाददाता ने कहा कि कुछ लोग उन्हें भाजपा का 'शत्रु' कहते हैं, उन्होंने जवाब दिया, यह सही नहीं है अगर भाजपा मुझे शत्रु मानती, तो मैं वहां इतने लंबे समय तक कैसे होता. मैं उस समय से पार्टी के साथ हूं जब इसके सिर्फ दो सांसद होते थे और अब इसका पूर्ण बहुमत है. उन्होंने कहा, मैंने कहा है कि यह मेरी पहली और आखिरी पार्टी है. मैं नहीं समझता कि भाजपा मुझे शत्रु मानती है.
केंद्र में मंत्री नहीं बनाये जाने से किसी तरह की अप्रसन्नता के सवाल पर सिन्हा ने कहा, 'ये सारी बातें बेकार हैं जिन्हें कुछ निहित स्वार्थ वाले लोगों ने शुरु किया. कुछ लोग कई सारे पद हासिल करने के बाद यह कहने लगे कि मैं इसलिए नाखुश हूं कि मुझे मंत्री नहीं बनाया गया. उन्होंने कहा, मंत्री बनने पर आपके सोने के पंख नहीं लग जाते लेकिन हां जब मुझे मंत्री नहीं बनाया गया तो मेरे प्रशंसकों, समर्थकों, रिश्तेदारों, दोस्तों और मेरे मतदाताओं ने सोचना शुरु कर दिया कि मुझे मंत्री क्यों नहीं बनाया गया. मेरा पाप क्या था? क्या स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर मेरा कामकाज अच्छा नहीं रहा या मैंने जहाजरानी मंत्रालय में अच्छा काम नहीं किया.
शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा नेतृत्व को असहज करने वाले अपने बयान में कुमार को जांचा, परखा और कामयाब मुख्यमंत्री बताया जो विपक्ष में अपने मित्रों में पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु के बाद सबसे ज्यादा सम्मानित हैं.
उन्हाेंने कहा कि पूर्व गृह सचिव आरके सिंह , जो हमारी पार्टी के नेता हैं, ने भी कहा है कि जवाबदेही तय की जानी चाहिए. पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि कुमार के साथ उनकी मुलाकात को पार्टी की अवज्ञा के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने उन्हें बधाई दी है, मेरे मित्र और गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा अन्य ने उन्हें बधाई दी है. इसे स्वस्थ भावना से, स्वस्थ राजनीति की भावना से लिया जाना चाहिए.
नीतीश कुमार की सराहना करते हुए शत्रुघ्न ने कहा, उन्हें लोगों का पूरा समर्थन, उनका प्यार मिला. कानून व्यवस्था, विकास, सुशासन के मामलों में नीतीश बाबू ने काफी योगदान किया है. सत्ता विरोधी कोई रुझान नहीं था उनके खिलाफ, उनका रिकार्ड काफी अच्छा रहा है. उन्होंने कहा, मैं ज्याेति बाबू का काफी सम्मान करता हूं. उनके बाद, विपक्ष में हमारे मित्रों में, नीतीश बाबू सबसे ज्यादा सम्मानित और अच्छे व्यक्ति हैं.वीएनआई