रंग किसी भी चित्र के मूड को प्रकट ,करते हैं ,सामने लाते हैं
श्वेत पृष्ट-भूमि के बिना रंगों का निखार सामने नहीं आता
रचनात्मक और गहरी सोच वाले ,रंगों से विशेष प्रेम करते हैं
हर इंसान को ख़ुशी चाहिए ,दुःख किसी को नहीं पर क्या बिना थोड़ी ,बारिश के इंद्रधनुष संभव है