डोंगरगढ़,छत्तीसगढ,15 मार्च (अनुपमा जैन,वीएनआई) भारतीय मूल्यो पर आधारित शिक्षण पद्धति से संचालित प्रतिष्ठित प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ चन्द्रगिरि डोंगरगढ़ की चार छात्राओं ने अंतरराष्ट्रीय इंगलिश ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीते है. विद्द्यालय की चौथी कक्षा मे पढने वाली छात्रा वीणा पाटनी, पांचवी कक्षा की छात्रा अदिति जैन, छठी कक्षा की छात्रा चैत्या जैन और सांतवी कक्षा की छात्रा साक्षी जैन को यह स्वर्ण पदक मिले है.
यह विद्द्यालय तपस्वी और दार्शनिक जैन संत आचार्य विद्या सागर महाराज जी के आशीर्वाद से पल्लवित है. इस अवसर पर छात्रो को भेजे एक शुभकामना संदेश मे आचार्य श्री ने बच्चो से पूरी तन्मयता से पढाई ,खेल कूद सहित सभी सांस्कृतिक गतिविधियो मे हिस्सा ले कर सर्वांगीण विकास करने का आशीर्वचन दिया .उन्होने बच्चो से संस्कारशील बनने का आह्वान करते हुए कहा आज भारत की प्रगति गाथा की चर्चा दुनिया भर मे है ,जरूरत इस बात की है कि हम आधुनिकता के अच्छे गुणो को आत्मसात करने के साथ अपने समृद्ध सांस्कृतिक मूल्यो को भी साथ ले कर चले,वही सही मायने मे प्रगति होगी.आचार्यश्री ने बच्चो को बधाई देते हुए कहा कि विशेष प्रसन्नता की बात है कि ये छात्र अपनी भारतीय भाषाओ के साथ अग्रेंजी भाषा मे भी विशिष्ट योगयता प्राप्त कर रहे है.बच्चो को राष्ट्र की प्रगति का आधार स्तंभ बताते हुए उन्होने बच्चो से राष्ट्र का उत्तरदायी नागरिक बनने का आह्वान करते हुए कहा कि हमारे राष्ट्र की प्रगति हमारे बच्चो पर निर्भर करती है. उन्होने छात्रो से तनाव मुक्त हो कर अपने सभी काम करने को कहा उन्होने कहा\' अगर आप तनाव में आ जायेंगे तो पढाई नहीं होगी, कुछ भी काम आप एकाग्र चित्त हो कर नही कर पायेंगे, तनाव जिस रास्ते से आता है उस रास्ते को ही बंद कर दो \'
आचार्यश्री ने छात्रो से राष्ट्र,शिक्षको, माता पिता, अभिवावको के साथ प्राणी मात्र, जीव जंतु सभी का सम्मान करने का आह्वान किया, उन्होने कहा इन बच्चो ने इस उपलब्धि से स्कूल, माता पिता तथा समूचे राष्ट्र का नाम रोशन किया है. गौरतलब है कि जबलपुर स्थित प्रतिभास्थली आवासीय कन्या शिक्षण संस्थान की उपलब्धियो से प्रेरित हो कर कुछ वर्ष पूर्व प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ खोला गया. दोनो विद्द्यालयो की छात्राये विशिष्ट योग्यता से उत्तीर्ण होती है ,साथ ही अन्य गतिविधियो मे भी उनकी उपलब्धिया विशिष्ट रहती है. इन दोनो विद्द्यालयो मे देश भर के अलावा विदेशो मे रहने वाले भारतीय मूल के परिवार अपनी बच्चियो को भारतीय मूल्यो पर आधारित शिक्षण देने के लिये यहां पढने के लिये भेजते है.
डोंगरगढ प्रतिभास्थली के प्रभारी श्री सप्रेम जैन के अनुसार प्रतिभा स्थली में कक्षा १२वी तक की शिक्षा सी.बी.एस.ई. के माध्यम से दी जाती है. लगभग १०० ब्रह्मचारिणी बहने शिक्षिकाएं हैं जो आध्यात्म और नैतिक के संस्कार भी छात्रो को देती हैं.वी एन आई