नई दिल्ली,10 दिसंबर (अनुपमा जैन/वीएनआई) श्री आर के पचौरी को टेरी का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला ने टेरी की कड़ी आलोचना करते हुए पचौरी को हरित निकाय का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त करने के फैसले को 'शर्मनाक' बताया है और कहा है कि वह इस मामले को तार्किक अंजाम तक ले जाएंगी
उन्होने टेरी के इस फैसले के बाद कहा कि इस फैसले ने उसके रोंगटे खड़े कर दिये हैं और वह इस मामले को तार्किक अंजाम तक ले जाएंगी। एक खुले पत्र में टेरी (द एनर्जी एंड रिसर्च इंस्टीटयूट) की पूर्व कर्मचारी ने कहा कि टेरी की संचालन परिषद का फैसला घृणित है। संस्थान ने पचौरी के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप होने के बावजूद उन्हें संस्थान को चलाने के लिए कार्यकारी शक्तियों के साथ उनकी नियुक्ति की है।शिकायतकर्ता ने कहा, पूरी बेशर्मी! कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, पीछा करने और आपराधिक धमकी के आरोपों का सामना कर रहे व्यक्ति को पदोन्नति के समाचार ने उसके रोंगटे खड़े कर दिये हैं।
लेकिन पचौरी के वकील आशीष दीक्षित ने कहा कि नियुक्ति में कुछ भी गलत नहीं है और शिकायतकर्ता विवाद को जिंदा रखने और अदालती कार्यवाही में विलंब करने का प्रयास कर रही है।
पचौरी को परसो टेरी का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। पचौरी के लिए इस पद का सृजन किया गया था। हालांकि, यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर पचौरी के खिलाफ न्यायिक कार्यवाही चल रही है। पचौरी फिलहाल जमानत पर हैं।
टेरी की संचालन परिषद के सदस्यों में एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारेख, एचएसबीसी बैंक की पूर्व अध्यक्ष नैना लाल किदवई, डीएसपी ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट के अध्यक्ष हेमेंद्र कोठारी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव शैलेश नायक और टेरी में फेलो लीना श्रीवास्तव शामिल हैं।
टेरी ने कहा कि पचौरी ने पिछले साल जुलाई में अदालत की अनुमति से महानिदेशक का पद संभाला था और नियमों का पूरी तरह पालन करने के बाद उन्हें टेरी का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। पचौरी कार्यकारी उपाध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति से पहले महानिदेशक के पद पर कार्य कर रहे थे।
महिला ने आरोप लगाया कि अदालत के बाहर मामले में समझौता करने पर उसे मजबूर करने के लिए कई प्रयास किए गए लेकिन उसने पत्र में कहा कि वह मामले को तार्किक अंजाम तक ले जाएंगी।
शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने सुना था कि पचौरी टेरी में पांव जमाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उसे विश्वास नहीं हुआ था। उसने कहा, तीन अक्तूबर 2015 के आस-पास मैंने इसे कुछ मौजूदा और पूर्व साथियों से सुना। मैं इस बारे में सोचने को लेकर संशय में थी कि संस्था मौजूदा दहकती आग पर इतना घटिया तेल नहीं छिड़केगी। मैं बिल्कुल गलत थी।
महिला ने कहा कि उसने पचौरी को टेरी के महानिदेशक पद से बर्खास्त करने की मांग को लेकर पिछले साल तीन अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। उसने कहा, मैं दर-दर भटक रही हूं। मैं नहीं जानती थी कि क्या करूं। इसलिए मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा लेकिन मुझे उनके कार्यालय से अब तक उस बारे में कुछ भी सुनने को नहीं मिला। वी एन आई