नयी दिल्ली,1 जुलाई(साधनाअग्रवाल/वीएनआई) तंदुरूस्त और निरोग रहने की एक मुफ्त दवा!जी हॉ प्रातःकाल में जल-सेवन...
आयुर्वेद और सदियो पुरानी भारतीय जीवन पद्धति मे प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व उठकर जल सेवन को स्वास्थय का अचूक नुस्खा बताया गया है, इससे न/ केवल हम स्वस्थ रह सकते है,बल्कि अनेक बीमारियो से बच सकते है और अनेक बीमारियो का इलाज भी कर सकते है'
सुबह मुंह साफ कर करके, ताँबे के पात्र में रात का रखा हुआ 2 से 4 बड़े गिलास (आधा से सवा लीटर) पानी पी ले। पानी भरकर ताँबे का पात्र हमेशा,प्लास्टिक, लकड़ी या कम्बल के ऊपर रखें। खड़े होकर पानी पीने से आगे चलकर पिण्डलियों में दर्द की तकलीफ होती है। अतः किसी गर्म आसन अथवा उपरोक्त वस्तु पर बैठकर ही पानी पीयें। पानी में चाँदी का एक सिक्का डालकर रखने से पानी और अधिक शक्तिदायक हो जाता है। तदनंतर 45 मिनट तक कुछ खायें-पीयें नहीं। प्रयोग के दौरान नाश्ता या भोजन करने के दो घंटे बाद ही पानी पीयें।
प्रातःकाल नियमित रूप से जल सेवन करने से कितनी ही नयी एवं पुरानी बीमारियों में लाभ होता हैः कब्ज,मधुमेह (डायबिटीज) ब्लडप्रेशर, कफ, खाँसी, दमा (ब्रोंकाइटिस), यकृत (लीवर) के रोग,स्त्रियों का अनियमित मासिक स्राव,बवासीर (मस्से),कील-मुहाँसे एवं फोड़े-फुंसी, बुढापे व त्वचा पर झुर्रियाँ पड़ना, एनीमिया (रक्त की कमी), मोटापा,पेशाब की समस्त बीमारियाँ (पथरी, धातुस्राव आदि), सूजन, बुखार, एसिडिटी (अम्लपित्त),वात-पित्त-कफ जन्य रोग,सिरदर्द, जोड़ों का दर्द,आँखों की समस्त बीमारियाँ,गैस की तकलीफ व कमर से संबंधित रोग,मानसिक दुर्बलता,पेट के रोग आदि जैसी बीमारियो के अलावा बड़ी असाध्य बीमारियो मे भी सुबह पानी पीना काफी फायेदेमंद होता है.
मंदाग्नि, वायुरोग व जोड़ों के दर्द से पीड़ित रोगी गुनगुने पानी का प्रयोग करना चाहिये गुर्दों की तकलीफ वाले एक साथ ज्यादा पानी न पियें, उन्हें चिकित्सक से सलाह लेकर पानी की मात्रा निर्धारित करनी चाहिए।वी एन आई