लखनउ 01 मार्च 2024 (वीएनआई) उत्तर प्रदेश बोर्ड की तरफ से 10वीं-12वीं की परीक्षाएं शुरु होते ही. 29 फ़रवरी को 12वीं के मैथ्स और बायोलॉजी प्रश्नपत्र परीक्षा शुरू होने के एक घंटे बाद ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. जिससे पूरे प्रदेश भर में खलबली मच गई. मामले में डीआईओएस आगरा ने थाना फतेहपुर सीकरी में मुकदमा दर्ज कराया. इस मामले में आरोपी कालेज प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया है. . ये पेपर परीक्षा के दौरान आगरा में वॉट्सएप पर शेयर किए.., इंटर कॉलेज के प्रबंधक अतर सिंह का बेटा विनय चौधरी, यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा के गणित और जीव विज्ञान के प्रश्नपत्र लीक करने का मुख्य आरोपी है। विनय चौधरी कॉलेज में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम करता है। बताया जा रहा है कि उसने परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्नपत्रों के लिफाफे खोलकर मोबाइल से फोटो खींच लिए थेऔर 1 घंटे बाद उसने व्हाट्सएप पर "ऑल प्रिंसिपल" नामक ग्रुप में प्रश्नपत्रों की फोटो पोस्ट कर दीं। इस ग्रुप में 900 प्रधानाचार्य जुड़े हुए हैं, और विनय चौधरी भी ग्रुप का सदस्य था। जब ग्रुप के सदस्यों ने प्रतिक्रिया दी तो उसने फोटो डिलीट कर दीं और ग्रुप से भी बाहर निकल गया। पर तब तक प्रश्नपत्र वायरल हो चुके थे।
पुलिस ने परीक्षा अधिनियम और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।कॉलेज के प्रबंधक राजेंद्र सिंह को पूछताछ के लिए थाने लाया गया।पुलिस विनय चौधरी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। उसके एक भाई को हिरासत में लिया गया है।
मी्डिया रिपोर्ट्स के अनुसार अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह और स्टेटिक मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह भी आरोपी हैं। पुलिस उनसे भी पूछताछ करेगी। आशंका है कि विनय चौधरी पेपर किसी को भेजना चाहता था, लेकिन गलती से ग्रुप में भी डाल दिया।
पुलिस विनय चौधरी की तलाश कर रही है। बाकी आरोपियों से भी पूछताछ जारी है। आगे की जांच में पता चलेगा कि पेपर कैसे लीक हुआ और इसमें कौन-कौन शामिल हैं।यह घटना शिक्षा प्रणाली के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।
गौरतलब है कि विनय चौधरी प्रधानाचार्य नहीं था, फिर भी वह "ऑल प्रिंसिपल" ग्रुप का सदस्य कैसे था?
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