लखनऊ,15 मई (वी एन आई)उत्तर प्रदेश विधानसभा के संयुक्त अधिवेशन में आज विपक्षी सदस्यों ने राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण के दौरान भारी हंगामा किया. अभिभाषण के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने राज्यपाल की तरफ कागज के टुकड़े फेंके,उन्होने अभिभाषण की प्रतियां फाड़कर और इनके गोले बनाकर गवर्नर की ओर उछा्ले . हालांकि मार्शलों ने बड़ी फुर्ती से गत्ते के फाईल कवरो के जरिए इन गोलों को राज्यपाल तक पहुंचने से पहले रोक लिया.
कई विधायक पोस्टर-बैनर लिए हुए थे और उन्हें कैमरे की ओर दिखाने लगे.लेकिन राज्यपाल ने इस तमाम हंगामे और अव्यवस्था के दौरान भी अपना भाषण जारी रखा,इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ भी सदन में मौजूद थे वे भी कई बार इन कागज के टुकड़ो को रोकते देखे गये
सदन में विधायकों के व्यवहार से राज्यपाल नाराज हो गए. उन्होंने कहा ' समूचा उत्तर प्रदेश आपको देख रहा है. विधायकों का सदन में यह व्यवहार उचित नहीं है.' इसके बाद राज्यपाल ने भारी हंगामे के बीच अभिभाषण जारी रखा.आज विधानसबा में राज्यपाल ने राज्य में कानून की स्थिति पर कोई बात नहीं की. इस बात से नाराज और प्रदर्शन करने के लिए पहले से तैयार विपक्ष ने खूब हंगामा किया.
दरसल सुबह 11 बजे जैसे ही राज्यपाल अभिभाषण पढ़ने पहुंचे कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष ने लामबंद होकर योगी सरकार का विरोध करना शुरू कर दिया. इस दौरान कुछ सदस्यों ने राज्यपाल की तरफ कागज के टुकड़े फेंके. देखते ही देखते हंगामा कर रहे विपक्ष के विधायक वेल में घुसे. इन विधायकों ने समाजवादी पार्टी की लाल टोपी पहन रखी थी.
कई विपक्षी विधायक हाथों में पोस्टर-बैनर लिए हुए थे. यह पहली बार है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रथम सत्र की कार्यवाही को दूरदर्शन सीधे प्रसारित कर रहा है. 15 से 22 मई तक प्रस्तावित सत्र में सरकार उप्र राज्य वस्तु एवं सेवा कर विधेयक भी पेश करेगी. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हुआ.
विधानसभा सत्र के दौरान जहां वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित कराया जाएगा, वहीं विपक्षी दल कानून-व्यवस्था के मुद्दे को लेकर भी हल्ला बोलेंगे.
विधानसभा का पहला सत्र होने की वजह से राज्यपाल राम नाईक दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया. सत्र के पहले दिन जीएसटी को सदन पटल पर रखा जाएगा और कल इस पर चर्चा होगी. सरकार को एक जुलाई से जीएसटी लागू करना है. रविवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस दौरान दीक्षित ने सभी दलों से सहयोग मांगा था.
विधानसभा सत्र के दौरान योगी सरकार की मुख्य चुनौती कानून-व्यवस्था के मुद्दे को लेकर बनी हुई है. योगी सरकार बनने के 50 दिनों के भीतर ही उप्र में कई जगह जातीय हिंसा हुई है. इसे लेकर कानून-व्यवस्था की स्थिति बदहाल होने का आरोप विपक्ष लगा रहा है.
सहारनपुर हिंसा के अलावा पिछले 50 दिनों के भीतर कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई, जब भाजपा के विधायक और सांसद ही कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बने. गोरखपुर में भाजपा विधायक राधा मोहन दास द्वारा एएसपी चारू निगम को सार्वजनिक तौर पर फटकार लगाए जाने के मुद्दे पर भी विपक्षियों ने काफी हंगामा किया था.
इसके अलावा आगरा में कई हिंदूवादी संगठनों की वजह से कानून-व्यवस्था को लेकर समस्याएं खड़ी हुई हैं. इन सभी मुद्दों पर विपक्षी दलों ने सदन के भीतर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है.राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष राशिद मसूद का कहना है कि योगी सरकार के राज में माफिया राज कायम है. भाजपा के विधायक और सांसद ही कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बने हुए हैं.