लोकतंत्र के मंदिर् मे अनूठी धर्मसभा ...

By Shobhna Jain | Posted on 28th Jul 2016 | देश
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भोपाल,28 जुलाई (अनुपमाजैन/वीएनआई) मध्य प्रदेश विधान सभा आज धर्म सभा मे परिवर्तित हो गई. जिस विधानसभा मे तीखी बहस और आरोप प्रत्यारोप होते थे वहा आज अद्भुत दृश्य था.प्रवचन हो रहे थे और मुख्यमंत्री ,सत्तारूढ, विपक्ष दोनो के ही विधायक पूर्ण सौहार्द, शांत भाव से प्रवचन सुन रहे थे। यह अनूठा अवसर था विधान सभा भवन मे दार्शनिक तपस्वी जैनसंत आचार्य विद्या सागर के प्रवचन का जहा वे आज ससंघ मध्य प्रदेश सरकार् के निमंत्रण् पर आशीर्वचन के लिये पधारे. इस अवसर पर पूज्य आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज ने जनप्रतिनिधियों से जन सेवा करने का आह्वान करते हुए कहा कि आज जनप्रतिनिधियों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए की आप जनता के लिए काम करें पद का अभिमान न करें ,आप सेवा के लिए चुने गए हैं । उन्होने कहा कि ये विधान भवन अहिंसा का केंद्र बिंदु है ये एक पवित्र सदन है जहाँ पक्ष विपक्ष को छोड़कर राष्टीय पक्ष के बारे मैं विचार करना है । राजा यदि परमार्थ की खोज मैं निकलेगा तो प्रजा का कल्याण अवश्य होगा.उन्होने कहा कि सदन पक्ष विपक्ष दोनों के संयुक्त प्रयासों से चलता है । राष्ट्रीय पक्ष को सामने रखकर ही काम मिलजुल कर किया जाये जनता का दुःख तभी दूर हो सकता है । उन्होंने राष्ट्रीय पक्ष को सामने रखकर काम करने की प्रेरणा देते हुए कहा की जहां हम हैं ये मध्यभारत है जो चरों दिशाओं का केंद्र बिंदु है यहीं से देश की चरों दिशाएं प्रभाबीत होती हैं ।संस्कारों से बंधकर कार्य करेंगे तो अपनी संस्कृति को अपने भारत को मजबूत भारत बना पाएंगे । अहिंसा की संस्कृति से ही इस भारत राष्ट्र को जाना जाता है । पूरी दुनिया भारतीय संस्कृति पर चलने का प्रयास कर रही है । इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा क़ि आज सबका सौभाग्य है की एक विधानसभा यहा हमारे मंत्री मंडल की है और एक कैबिनेट आचार्य श्री के मुनिराजों की है जो भव्य है । उन्होने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि आज पक्ष विपक्ष एक साथ बैठ कर आचार्य श्री की वाणी सौहार्द पूर्वक सुन रहे है उन्होंने कहा 'अपने आप हम बदल सकते हैं यदि आप जैंसे सर्वस्व त्यागी के बताये रास्ते का अंनुसरण करें । आत्मा को दीपक तभी बनाया जा सकता है जब आप जैंसे तपस्वी की वाणी को आत्मसात करें ।' इस अवसर पर आचर्य श्री ने कहा कि भगवान महावीर ने कहा की संग्रह तो होना चाहिए परिग्रह नहीं होना चाहिए, आज जनप्रतिनिधियों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए की आप जनता के लिए काम करें पद का अभिमान न करें ,आप सेवा के लिए चुने गए हैं । आचार्य श्री ने कहा की यदि विकास चाहिए समृद्धि चाहिए तो इंडिया को विस्मृत कर भारत को पूरी ताकत से खड़ा करना होगा,मूल संस्कृति भारत का वैभव तभी अमर रह सकता है जब जन जन मैं भारतीयता , राष्ट्रवाद की भाबना को प्रबल करना होगा । इसके पूर्व आचार्यसंघ की भव्य अगवानी मुख्यद्वार पर विधानसभा अध्य्क्ष , मुख्यमंत्री मंत्रीगण और विधायकों ने की । फिर विधान भवन का अवलोकन गुरुवर को कराया। इस अवसर पर आचार्य श्री ने विधानसभा के वाचनालय का निरीक्षण भी किया| इस अवसर पर दीप प्रज्ववलं श्री शिवराज जी ,श्री सीताशरण जी ने किया और श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद लिया । वित्त मंत्री जयंत मलैय्या बाला बच्चन राजेन्द्रसिंह जी ने आशीर्वाद लिया । मंगलाचरण डॉ सुधा मलैया जी ने किया । विधानसभा अध्य्क्ष ने कहा की श्रद्धावान और ज्ञान के पुंज विधान भवन मैं पधारे हैं उनका आत्मीय अभिनन्दन है । इस अवसर पर चातुर्मास समिति के अध्य्क्ष प्रमोद हिमांशु सहित बड़ी तादाद मे श्रद्धालु मौजूद थे.वीएनआई

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