नई दिल्ली, 28 मई (वीएनआई)| विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और इस महीने की शुरुआत में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अनौपचारिक शिखर बैठक को 'अभूतपूर्व' बताया।
सुषमा स्वराज ने अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, "राष्ट्रपति शी के साथ अनौपचारिक शिखर बैठक से नया संवाद तंत्र स्थापित हुआ है उन्होंने कहा, यह अद्वितीय है कि हमें चीन और रूस द्वारा अनौपचारिक वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन से वापस आने के दौरान जर्मनी में चांसलर एंजेला मर्केल से संक्षिप्त मुलाकात भी एक तरह की अनौपचारिक मुलाकात ही थी। मोदी पिछले माह शी के साथ दो दिवसीय अनौपचारिक वार्ता के लिए चीन के वुहान गए थे। प्रधानमंत्री इस महीने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ इसी तरह के सम्मेलन के लिए रूस के सोची शहर गए थे। पुतिन ने चौथी बार राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री को इस वार्ता के लिए आमंत्रित किया था।
सुषमा स्वराज ने कहा कि उन्होंने और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने निर्णय किया था कि वे अपने नेताओं को सूचिबद्ध एजेंडे तक सीमित नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "इसके लिए तीन कारण थे- मजबूत द्विपक्षीय संबंध, वैश्विक मुद्दे और आपसी विश्वास। सुषमा ने कहा, "राष्ट्रपति शी ने हमारे प्रधानमंत्री को कहा कि वह किसी भी मुद्दे पर उन्हें सीधे फोन कर सकते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत-भूटान-चीन के अंतर्राष्ट्रीय तिराहे डोकलाम में यथास्थिति बनी हुई है, जहां पिछले वर्ष भारत और चीन की सेनाएं एक-दूसरे के आमने-सामने आ गई थीं।
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