नई दिल्ली, 10 जुलाई, (वीएनआई) पेटकोक के इस्तेमाल से संबंधित मामले में सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायलय ने नाराजगी जाहिर करते हुए प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम मंत्रालय को कड़ी फटकार लगाई है।
जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच पेट्रोलियम मंत्रालय के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा कि क्या पेट्रोलियम मंत्रालय खुद को भगवान या कोई सुपर सरकार मानता है? इससे पहले सर्वोच्च न्यायलय को सूचित किया गया था कि रविवार को ही मंत्रालय ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को पेटकोक के आयात पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे से अवगत कराया है, जिसका औद्योगिक ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसको लेकर न्यायलय ने नाराजगी जाहिर की थी।
सर्वोच्च न्यायलय ने इस रवैये पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसका मतलब मंत्रालय खुद को भगवान मानता है। न्यायलय ने पूछा, 'क्या मंत्रालय भारत सरकार से भी ऊपर है?, वे किसी भी आदेश का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं? " ?' क्या वो सोचते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के 'बेरोजगार' जज उन्हें समय देंगे? क्या हमें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की दया पर चलना चाहिए। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के इस लापरवाह रवैये के लिए सर्वोच्च न्यायलय ने 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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