नागपुर, 22 जुलाई | महाराष्ट्र सरकार की एक समिति ने किसान ऋण माफी की एक व्यापक योजना के हिस्से के रूप में तात्कालिक राहत के रूप में 10,000 रुपये वितरित करने में हुए भारी विलंब पर शनिवार को सवाल खड़े किए। यह योजना एक महीने से अधिक समय पहले घोषित की गई थी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए यह एक बड़ी शर्मिदगी की बात है। वसंतराव नाईक शेति स्वावलंबी मिशन (वीएनएसएसएम) के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने कहा है कि पात्र 90 लाख किसानों को राहत मुहैया कराने के सरकार के दावे के विपरीत अभी तक मात्र 3,200 किसानों को ही यह धनराशि वितरित की गई है। तिवारी ने कहा, "यह किसानों का मजाक है, जो घोषित 10,000 रुपये की आपात राहत के लिए पिछले लगभग 28 दिनों से दर-दर भटक रहे हैं। अब बुवाई का मौसम बीत चला है और मॉनसून भी जल्द विदा हो जाएगा।"
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, राज्य के कुल एक करोड़ बीस लाख किसानों में से पात्र लगभग 90 लाख किसानों में से मात्र 3,200 को उनकी खेती की गतिविधियों के लिए अबतक समय पर सहायता मिल पाई है, बाकी अन्य किसान दर-दर भटक रहे हैं या फिर आत्महत्या कर रहे हैं। तिवारी ने कहा, "यह स्थिति राज्य सरकार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक को गारंटी की पेशकश के बावजूद है, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकांश बैंकों ने इस छोटी-सी राशि के वितरण के लिए कदम नहीं उठाया है, जो कि इस महत्वपूर्ण बुवाई मौसम में किसानों के लिए बड़ी राहत हो सकती है।"
अभी तक मात्र विदर्भ-कोकण ग्रामीण बैंक, महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक और डीसीसीबी ने 3,200 किसानों को धनराशि जारी की है। किसानों के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया रखने का नौकरशाही और बैंकों पर आरोप लगाते हुए तिवारी ने कहा कि अबतक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने आरबीआई-नाबार्ड द्वारा खरीफ मौसम के लिए लक्षित फसल ऋण का मुश्किल से 15 प्रतिशत हिस्सा ही वितरित किया है, जबकि पिछले वर्ष 21 जुलाई तक लक्ष्य का 80 प्रतिशत फसल ऋण वितरित कर दिया गया था। --आईएएनएस
No comments found. Be a first comment here!