न्यूयॉर्क 8 जून (वीएनआई) सिगरेट का सेवन करने वाले के मुँह से बदबू तो आती है, लेकिन उसके साथ ही उसको मुंह और गले में भयानक कैंसर की भी आशंका ती है । सिगरेट में मौजूद निकोटीन पूरे शरीर में रक्त की पूर्ति करने वाली महाधमनी को प्रभावित करता है। यह फेफड़ों को भी काफी हद तक प्रभावित करता है जिससे स्वांस संबंधी समस्याएं आम हो जाती हैं।
टोबैको इनड्स्ड नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध के अनुसार सिगरेट पीने से न सिर्फ कुछ जीवाणु मुंह में जमा हो जाते हैं, बल्कि वे शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र पर भी हावी हो जाते हैं, जिसके कारण मुंह संबंधी कई बीमारियां हो सकती हैं। हाल ही मे हुए शोध से यह जानकारी मिली है।
ये जीवाणु दांत, हृदय वॉल्व और धमनियों में बायोफिल्म्स का निर्माण करते हैं। बॉयोफिल्म कई सारी सूक्ष्म जीवाणुओं से मिलकर बनी जटिल संरचना होती है।
शोधकर्ताओं में से एक अमेरिका के युनिवर्सिटी ऑफ लूईसविले स्कूल ऑफ डेंटिस्ट्री के डेविड स्कॉट ने कहा, "एक बार ये रोगाणु अपने आप को बॉयोफिल्म में तब्दील कर लेते हैं। फिर इसका उन्मूलन काफी कठिन हो जाता है, क्योंकि यह मेजबान के प्रतिरक्षा तंत्र के खिलाफ अवरोध उत्पन्न कर देता है। यहां तक कि इनपर एंटीबायोटिक दवाओं का भी असर नहीं होता है और लगातार संक्रमण में मदद करने लगता है।"
स्कॉट ने कहा, "इसके अलावा बॉयोफिल्म जीवाणुओं के समुदाय के बीच अनुवांशिक सामग्रियों का भी आदान-प्रदान करते हैं, जिसके कारण इनकी एंटीबायोटिक के खिलाफ प्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है और संक्रमण को काफी अधिक बढ़ावा मिलने लगता है।"
शोधकर्ताओं का कहना है कि जीवाणुओं से बना यह बॉयोफिल्म हृदय के वॉल्व पर जमा होने से हृदय में संक्रमण होने लगता है। इसके कारण कई अन्य नई समस्याएं भी पैदा हो जाती है।